HDFC Life ने Q2FY26 में अपनी नेट प्रॉफिट 3% बढ़ाकर Rs 448 करोड़ कर दी है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। कंपनी की मैनेजमेंट ने इस दौरान कहा कि हाल ही में लागू हुए GST नियमों के कारण शॉर्ट-टर्म में मार्जिन पर असर पड़ेगा, लेकिन वे अगले कुछ क्वार्टरों में इसे पूरी तरह ऑफसेट करने के लिए आश्वस्त हैं। इस विश्वास के पीछे कंपनी की रणनीति में प्राइसिंग, कॉस्ट नेगोशिएशंस और प्रोडक्ट रियलाइनमेंट शामिल हैं। HDFC Life के मैनेजमेंट ने Q2FY26 के परिणामों के बाद आयोजित एनालिस्ट कॉल में बताया कि वे GST से जुड़े लागत वृद्धि को न्यूट्रलाइज करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल डिस्ट्रिब्यूटर्स पर बोझ नहीं डालेगा, बल्कि कंपनी ने विक्रेताओं और अपनी आंतरिक लागत संरचनाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया है। मैनेजमेंट का कहना था कि “यह एक न्यायसंगत दृष्टिकोण होगा, जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स—डिस्ट्रिब्यूटर्स, वेन्डर्स और हमारी आंतरिक टीम—शामिल हैं। ” कंपनी ने बताया कि इनपुट टैक्स क्रेडिट लॉस का लगभग आधा हिस्सा कमिशन से जुड़ा है, जबकि बाकी का संबंध आउटसोर्स्ड सर्विसेज, टेक्नोलॉजी और वेन्डर कॉस्ट से है। इस अतिरिक्त लागत को साझा करने के लिए HDFC Life डिस्ट्रिब्यूटर्स और वेन्डर्स के साथ बातचीत कर रही है। मैनेजमेंट ने कहा कि “हमने पहले भी इस तरह की चुनौतियों का सामना किया है, जैसे कि surrender charges के मामले में, और इस बार भी हम व्यवहारिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगे। ” कॉस्ट शेयरिंग के अलावा, कंपनी अपनी प्रोडक्ट मिक्स को उच्च मार्जिन वाले उत्पादों की ओर मोड़ने की योजना बना रही है
इसमें यूनिट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स शामिल हैं जिनमें मॉर्टैलिटी और राइडर कंपोनेंट्स अधिक हैं। साथ ही, HDFC Life वैरिएबल एन्युटीज जैसे नए प्रोडक्ट्स को भी एक्सप्लोर कर रही है, जिससे उनकी प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार हो सके। मैनेजमेंट ने कहा कि “हर प्रोडक्ट में और भी मार्जिन निकाला जा सकता है। ” मैनेजमेंट ने यह भी बताया कि GST के कारण New Business Value (VNB) मार्जिन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह असर अस्थायी है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि FY26 के अंत तक यह स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा, “हम आवश्यक एडजस्टमेंट्स को दो क्वार्टर के अंदर पूरा कर लेंगे और FY26 के अंत या FY27 की शुरुआत में VNB मार्जिन अपने लक्षित स्तर पर आ जाएगा। ” GST के प्रभाव को मापते हुए कंपनी ने बताया कि सालाना आधार पर ग्रॉस मार्जिन पर लगभग 3 प्रतिशत की कमी आई है, जिसमें सितंबर क्वार्टर का असर करीब 0.9 प्रतिशत और पहले छमाही का 0.5 प्रतिशत है। मैनेजमेंट ने यह भी कहा कि यह कमी उनके acquisition expense के सेंसिटिविटी मॉडल से मेल खाती है। प्रोडक्ट के आधार पर देखें तो यूनिट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स पर GST का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है, क्योंकि इनके चार्जेज पर कैप है, जबकि नॉन-पर और प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स पर इसका असर कम रहा है। हालांकि, मैनेजमेंट ने यह स्पष्ट किया कि अल्पकालिक दबाव के बावजूद कंपनी के मजबूत ग्रोथ मोमेंटम पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा
खासकर इंडिविजुअल टर्म और प्रोटेक्शन सेगमेंट्स में सितंबर माह में 50% से अधिक की ग्रोथ देखी गई है, जो कुल मिलाकर कंपनी के प्रदर्शन को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगी। कंपनी के इस प्रदर्शन और रणनीति ने निवेशकों को भरोसा दिया है कि HDFC Life GST के प्रभाव को पार करते हुए अपनी प्रॉफिटेबिलिटी को अगले कुछ महीनों में मजबूत करेगी। बाजार विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि प्रोडक्ट रियलाइनमेंट और कॉस्ट कंट्रोल की रणनीतियों के कारण HDFC Life के लिए आगे का रास्ता उज्जवल दिखता है। इस तरह, HDFC Life ने न केवल Q2FY26 में लाभ में वृद्धि दर्ज की है, बल्कि GST के बदलाव के बावजूद अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने का भी भरोसा दिया है। कंपनी की यह क्षमता और रणनीतिक सोच भविष्य में भी बाजार में उसकी पकड़ को और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी