सेप्टेम्बर 2025 में Mutual Fund Industry ने एक बार फिर अपनी मजबूती का परिचय दिया है। देश में निवेशकों ने 30.14 लाख नए folios जोड़े, जिससे कुल folios की संख्या बढ़कर 25.19 करोड़ हो गई। यह आंकड़ा दर्शाता है कि वैश्विक बाजार की अस्थिरता, व्यापार शुल्क और वीज़ा नियमों से जुड़ी चिंताएँ होने के बावजूद रिटेल निवेशक अपने निवेश में लगातार रुचि बनाए हुए हैं। पिछले 12 महीनों में, जो सितंबर 2024 से सितंबर 2025 तक का समयावधि है, भारत के mutual funds में कुल 4.14 करोड़ नए folios जोड़े गए हैं, जिनमें सक्रिय equity और passive funds की भूमिका प्रमुख रही है। हालांकि, नए folios की वृद्धि की गति में कुछ धीमापन देखा गया है, जो व्यापक बाजार की अनिश्चितता को दर्शाता है। AMFI के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में mutual fund folios की संख्या 25.19 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि एक साल पहले यह संख्या 21.05 करोड़ थी। यह 19.67% की सालाना वृद्धि को दर्शाता है। Open-ended schemes में 19.74% की बढ़ोतरी हुई, वहीं closed-ended schemes में 7.75% की गिरावट दर्ज की गई। पिछले कुछ महीनों में folios की मासिक वृद्धि दर में कमी आई है। उदाहरण के तौर पर, अगस्त में folios की संख्या 24.89 करोड़, जुलाई में 24.57 करोड़ और जून में 24.13 करोड़ थी, जो उच्च आधार प्रभाव के कारण वृद्धि की गति को धीमा कर रही है
Debt Fund folios ने भी मई 2025 के बाद से तेज वापसी की है। कुल debt fund folios 76.48 लाख तक पहुंच गए हैं, जो सालाना आधार पर 8.88% की वृद्धि दर्शाता है। इस क्षेत्र में Liquid Funds ने 20.79%, Money Market Funds ने 19.55% और Short Duration Funds ने 19.50% की जबरदस्त बढ़ोतरी की है। यह संकेत देता है कि निवेशक अब अधिकतर yield curve में बदलाव के बीच short-duration instruments को प्राथमिकता दे रहे हैं। कुल 16 debt categories में से 12 ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की, जबकि Overnight Funds और Floater Funds में क्रमशः 16.83% एवं 1.64% की गिरावट आई। Equity Funds में folio वृद्धि सबसे तेज रही है। सक्रिय equity funds ने पिछले एक साल में 2.74 करोड़ नए folios जोड़े, जो 18.59% की वृद्धि है। हालांकि यह वृद्धि पिछले वर्षों के मुकाबले थोड़ी धीमी है, लेकिन निवेशकों की रुचि अभी भी मजबूत बनी हुई है। Multi Cap Funds में 35.02%, Mid Cap Funds में 33.30% और Flexi Cap Funds में 26.00% की वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि निवेशक विविधता और alpha generation की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सभी 11 सक्रिय equity श्रेणियों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है
Hybrid और Passive Funds भी निवेशकों की पसंद में शामिल हैं। Hybrid funds में 12.29% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि देखी गई, जिसमें Multi Asset Allocation Funds ने 42.65% और Arbitrage Funds ने 25.66% की बढ़ोतरी की है। यह दर्शाता है कि संतुलित निवेश रणनीतियाँ निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। Passive funds ने भी नया उत्साह पाया है, खासकर Gold ETFs में 51.71% की सालाना वृद्धि हुई। इसके अलावा Other ETFs में 29.96% और Index Funds में 25.42% की बढ़ोतरी हुई है। कुल passive fund folios की संख्या 4.59 करोड़ तक पहुंच गई है, जो 31.14% की वृद्धि दर्शाता है। यह निवेशकों के low-cost और diversified instruments में विश्वास को दर्शाता है। कुल मिलाकर, भारत का mutual fund उद्योग वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत और विविधता पूर्ण बना हुआ है। debt, equity और passive funds में निरंतर वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि निवेशक mutual funds को एक विश्वसनीय और पसंदीदा निवेश विकल्प के रूप में अपनाए हुए हैं। हालांकि folio वृद्धि की गति कुछ धीमी हुई है, परंतु व्यापक बाजार की अस्थिरता और उच्च आधार प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह एक स्थिर और सकारात्मक संकेत है
निवेशकों का लंबे समय तक mutual funds में विश्वास जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है