Benchmark indices Sensex और Nifty ने चार दिनों की लगातार तेजी के बाद 8 अक्टूबर को थोड़ा कमजोर प्रदर्शन किया और मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। Nifty 50 ने 0.25% की गिरावट के साथ 25,046.15 पर बंद किया जबकि BSE Sensex 0.19% नीचे आकर 81,773.66 पर रहा। पिछले चार सत्रों में दोनों सूचकांकों ने लगभग 2% की बढ़त दर्ज की थी, लेकिन बुधवार को बाजार ने ठहराव लिया। कुल 16 प्रमुख सेक्टर्स में से 14 सेक्टर्स ने नुकसान का सामना किया। इसके अलावा, broader small-caps और mid-caps क्रमशः 0.5% और 0.7% गिर गए, जो समग्र कमजोरी को दर्शाता है। Bank Nifty ने लगभग 0.5% की गिरावट दर्ज की, जिससे छह सत्रों की लगातार तेजी का सिलसिला टूट गया था, जिसमें उसने 3% का लाभ कमाया था। बाजार में इस धीमी चाल को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल “buy on dips” यानी गिरावट पर खरीदारी रणनीति ट्रेडर्स के लिए बेहतर साबित हो सकती है। दिन के दौरान Nifty ने खासा स्थिर प्रदर्शन किया। शुरुआत में बाजार सुस्त था और अधिकांश समय यह एक संकीर्ण दायरे में कारोबार करता रहा। अंत में Nifty अपने सत्र के निचले स्तर के करीब 25,046.15 पर बंद हुआ
सेक्टरल स्तर पर IT को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर्स लाल निशान में रहे। रियल्टी और ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वालों में शामिल रहे। broader indices भी लगभग आधे प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए, जो पूरे बाजार की कमजोरी को दर्शाता है। वर्तमान में बाजार की नजर TCS के तिमाही नतीजों पर टिकी हुई है, जो 9 अक्टूबर को आने वाले हैं। IT सेक्टर पिछले कुछ समय से कमजोर प्रदर्शन कर रहा है, इसलिए निवेशक इस सेक्टर के नतीजों के बाद बाजार की दिशा पर खास ध्यान लगाएंगे। Religare Broking Ltd के SVP, Research Ajit Mishra ने कहा कि बाजार फिलहाल संकुचित स्तर पर कारोबार कर रहा है, लेकिन सकारात्मक रुख बरकरार है। उन्होंने कहा कि “buy on dips” रणनीति अभी भी कारगर है और ऑटो, मेटल्स, और PSUs जैसे सेक्टर्स में निवेश करने पर ध्यान देना चाहिए, जबकि दूसरों में सावधानी बरतनी होगी। Bajaj Broking Research के अनुसार, Nifty के लिए असली चुनौती मंगलवार के उच्चतम स्तर 25,220 को पार करना है। अगर यह स्तर टूट जाता है, तो Nifty 25,400 से 25,500 के बीच पहुंच सकता है। दैनिक चार्ट में Nifty ने एक छोटा bearish candle बनाया है, जिसमें दोनों तरफ छाया दिख रही है, जो पिछले चार सत्रों में 600 अंकों की तेजी के बाद बाजार के संकुचन का संकेत है
अगले कुछ दिनों में Nifty संभवतः 25,200 से 24,800 के दायरे में स्थिर होगा, जो हाल की तेजी के बाद एक मजबूत आधार बना सकता है। नीचे की ओर सपोर्ट 24,800-24,900 के बीच है, जो 20- और 50-दिन की EMA के साथ-साथ पिछली तेजी के 61.8% रिट्रेसमेंट स्तर के साथ मेल खाता है। इस स्तर का टूटना नकारात्मक संकेत होगा। वहीं, ऊपर की ओर अगर Nifty मंगलवार के 25,220 के उच्च स्तर को पार करता है तो 25,400-25,500 तक तेजी की संभावना बढ़ जाएगी। यह स्तर जून और सितंबर 2025 के प्रमुख उच्चतम बिंदुओं से जुड़ा हुआ ट्रेंडलाइन रेसिस्टेंस भी है। Bank Nifty के मामले में भी Bajaj Broking Research ने कहा कि अगर यह 56,500 के स्तर को पार करता है, तो अगले सप्ताह Bank Nifty नया all-time high 57,300-57,600 तक पहुंच सकता है। Bank Nifty ने पिछले छह सत्रों में 2300 अंकों से अधिक की तेजी दिखाई है, जिसके बाद बाजार फिलहाल consolidation की स्थिति में है। एक high wave candle बनी है, जिसमें छोटे रियल बॉडी के साथ दोनों ओर छाया है, जो स्टॉक-विशिष्ट गतिविधियों के बीच बाजार के स्थिर होने का संकेत देती है। आगामी समय में Bank Nifty 56,500 से 55,500 के दायरे में कारोबार कर सकता है, जिससे यह हाल की तेजी के बाद एक मजबूत आधार बनाएगा। नीचे की ओर सपोर्ट 55,500-55,000 के बीच रखी गई है, जो 20- और 50-दिन की EMA के साथ-साथ पिछले तेजी के 61.8% रिट्रेसमेंट स्तर के अनुरूप है
Bajaj Broking की राय है कि बाजार में सकारात्मक रुख जारी रहेगा और गिरावट पर खरीदारी करना बेहतर रहेगा। ट्रेडर्स को सलाह दी गई है कि वे इस अवसर का फायदा उठाएं क्योंकि दोनों सूचकांक कई तकनीकी मजबूत स्तरों के पास पहुंच चुके हैं, जहां से नई तेजी की शुरुआत हो सकती है। कुल मिलाकर बाजार ने बुधवार को कुछ ठहराव लिया, लेकिन तकनीकी विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि Nifty और Bank Nifty दोनों में अभी और तेजी की गुंजाइश बनी हुई है, बशर्ते वे अपने महत्वपूर्ण रेसिस्टेंस स्तरों को पार कर सकें। निवेशक और ट्रेडर्स “buy on dips” रणनीति अपनाकर अपने पोर्टफोलियो में सुधार कर सकते हैं, खासकर उन सेक्टर्स में जहां लगातार सापेक्ष मजबूती नजर आ रही है