निवेशकों के लिए बड़ा संकेत: US Federal Reserve की नीति बैठक के मिनट्स और Q2FY26 के कॉर्पोरेट नतीजों पर नजर, Nifty 50 में तेजी की उम्मीद

Saurabh
By Saurabh

अक्टूबर के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार ने मजबूत वापसी की है। पिछले सप्ताह के 2.7 प्रतिशत के बड़े गिरावट के बाद, Nifty 50 ने लगभग 1 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,894 के स्तर पर बंद किया, जबकि BSE Sensex भी 781 अंक यानी 0.97 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,207 पर पहुंच गया। खास बात यह रही कि Nifty Midcap और Smallcap 100 इंडेक्स ने भी बेहतर प्रदर्शन किया, क्रमशः 2 प्रतिशत और 1.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। यह रिलीफ रैली RBI की ताजा नीति के बाद आई, जिसमें FY26 के लिए आर्थिक विकास दर को 6.8 प्रतिशत तक बढ़ाने के साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर में सुधारों की भी घोषणा की गई। बाजार की इस मजबूती के पीछे कई कारण हैं, जिनमें US Federal Reserve के संभावित और आगामी दर कटौती की उम्मीद, ऑटो सेक्टर की मजबूत बिक्री, और कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट शामिल हैं। सोने के वायदा में भी जबरदस्त मांग देखी गई, जिसने पिछले सप्ताह $3,923.3 प्रति ट्रॉय औंस के रिकॉर्ड स्तर को छुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में बाजार सकारात्मक रहेगा, खासकर कॉर्पोरेट अर्निंग्स, IPO मार्केट, FOMC मिनट्स, Jerome Powell के भाषण और भारत-अमेरिका व्यापार सौदे से जुड़ी खबरों के चलते। Q2FY26 की कॉर्पोरेट अर्निंग्स सीज़न की शुरुआत अगले सप्ताह IT दिग्गज Tata Consultancy Services से होगी, जो 9 अक्टूबर को अपने नतीजे जारी करेगा। इसके अलावा Avenue Supermarts, Tata Elxsi, GM Breweries, Ashiana Ispat, Eimco Elecon, Evoq Remedies जैसे कई अन्य प्रमुख कंपनियां भी अपनी तिमाही रिपोर्ट पेश करेंगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार की अर्निंग्स मिश्रित रहेंगी, लेकिन दूसरी छमाही के लिए मैनेजमेंट के कमेंट्री पर खास नजर रखी जाएगी

वैश्विक स्तर पर US Federal Reserve की सितंबर में हुई नीति बैठक के मिनट्स पर भी कड़ी नजर रहेगी। इस बैठक में Fed ने पहली बार इस वर्ष 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती कर 4.00-4.25 प्रतिशत कर दी थी। Fed ने संकेत दिया है कि 2025 के अंतिम दो बैठकों में और दर कटौती हो सकती है। इसके अलावा 8 अक्टूबर को Fed अधिकारी Stephen Ira Miran और 9 अक्टूबर को Fed चेयर Jerome Powell के भाषण भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इनसे दर कटौती की दिशा, रोजगार आंकड़ों और आर्थिक विकास पर Fed की सोच का पता चलेगा। वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर भी नजर रहेगी, जिसमें US की उपभोक्ता महंगाई की उम्मीदें, साप्ताहिक रोजगार डेटा, यूरोप की रिटेल बिक्री और जापान के घरेलू खर्च व PPI शामिल हैं। भारत में HSBC Services PMI के अंतिम आंकड़े भी 6 अक्टूबर को जारी होंगे, जो सितंबर में 61.6 पर आ गए, जो पिछले महीने की तुलना में थोड़े कम हैं। बैंकिंग क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आएंगे, जैसे 26 सितंबर तक के दो सप्ताह की बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ, और 3 अक्टूबर तक विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 10 अक्टूबर को जारी होंगे। निवेश प्रवाह के मामले में, FIIs लगातार भारतीय शेयर बाजार से बिकवाली कर रहे हैं। पिछले सप्ताह FIIs ने लगभग ₹8,347 करोड़ की बिकवाली की, जबकि DIIs ने ₹13,013 करोड़ की खरीदारी कर बाजार को सहारा दिया

इस एफआईआई बिकवाली के बावजूद, DIIs की खरीदारी बाजार को स्थिर रखने में मदद कर रही है। भारतीय रुपया भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी के साथ ₹88.71 पर कारोबार कर रहा है, जो अमेरिकी टैरिफ चिंताओं के बीच RBI की नीतियों से कुछ हद तक समर्थन पा रहा है। IPO मार्केट में भी अगले सप्ताह जबरदस्त क्रियाशीलता देखने को मिलेगी। कुल सात सार्वजनिक निर्गम – Tata Capital, LG Electronics India, Rubicon Research, Canara HSBC Life Insurance Company, Canara Robeco Asset Management Company, Anantam Highways Trust, और Mittal Sections – ₹30,000 करोड़ से अधिक के फंड जुटाने को तैयार हैं। यह पिछले अक्टूबर में Hyundai Motor India द्वारा ₹27,859 करोड़ जुटाने के रिकॉर्ड सप्ताह को पार कर सकता है। इसके अलावा WeWork India Management, Shlokka Dyes, Greenleaf Envirotech जैसे कई अन्य IPO भी बंद होंगे। लिस्टिंग की बात करें तो 28 नई कंपनियां अगले सप्ताह शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगी, जिनमें मुख्य बोर्ड से छह कंपनियां और SME से 22 कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां बाजार में नए अवसर और निवेशकों के लिए विविधता लेकर आएंगी। तकनीकी दृष्टिकोण से, Nifty 50 को पिछले सप्ताह के उच्च स्तर 24,905 से ऊपर टिके रहना होगा। यदि यह स्तर पार हो जाता है तो 25,000, 25,250 और 25,450 के स्तर पर रुकावटें मिल सकती हैं

फिलहाल बाजार में 24,588 का मजबूत समर्थन स्तर बना हुआ है। सप्ताहिक चार्ट पर बुलिश कैंडल और निचली छाया ने निचले स्तर पर खरीदारी रुचि को दिखाया है, हालांकि MACD और RSI में कुछ नकारात्मक क्रॉसओवर बने हुए हैं, जिसे आगे की तेजी के लिए पार करना जरूरी होगा। डेरिवेटिव सेक्टर में भी Nifty 50 के लिए 24,800-25,100 का ट्रेडिंग रेंज अनुमानित है, जिसमें 25,000 का कॉल ओपन इंटरेस्ट सबसे अधिक है। India VIX भी पिछले सप्ताह 11.95 प्रतिशत गिरकर 10.06 पर आ गया है, जिससे बाजार में अस्थिरता कम होने का संकेत मिलता है। कुल मिलाकर, वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों के बीच संतुलन बनाते हुए भारतीय बाजार में सकारात्मक रुझान दिख रहा है। US Federal Reserve की नीति और कॉर्पोरेट अर्निंग्स के साथ-साथ IPO की गतिविधियां निवेशकों के लिए आने वाले सप्ताह को रोमांचक और अवसरों से भरा बना सकती हैं

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