OpenAI, जो ChatGPT के पीछे की कंपनी है, ने हाल ही में $500 billion की रिकॉर्ड वैल्यूएशन हासिल की है, जिससे भारतीय डाटा सेंटर और टेक्नोलॉजी से जुड़े शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। यह बढ़ोतरी एक सेकेंडरी शेयर सेल के बाद आई, जिसमें OpenAI के वर्तमान और पूर्व कर्मचारी लगभग $6.6 billion के शेयर वैश्विक निवेशकों के एक समूह को बेच रहे हैं। इस डील में Thrive Capital, SoftBank, Dragoneer Investment Group, T. Rowe Price और Abu Dhabi की MGX जैसे बड़े निवेशकों ने भाग लिया। इस सौदे ने OpenAI की वैल्यू को $300 billion से बढ़ाकर $500 billion कर दिया, जिससे यह दुनिया की सबसे मूल्यवान निजी कंपनी बन गई। OpenAI की इस ऐतिहासिक सफलता ने भारतीय शेयर बाजार में भी सकारात्मक प्रभाव डाला, खासकर उन कंपनियों के शेयर जिनका संबंध डेटा सेंटर और तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर से है। Orient Technologies का शेयर प्राइस दिन भर के कारोबार में 20% तक उछल गया, जबकि Netweb Technologies लगातार तीसरे दिन भी 6.15% की बढ़त के साथ तेजी की लहर में शामिल रहा। इसी तरह, Black Box और E2E Networks के शेयरों ने 5% के ऊपरी सर्किट गेन पर बंद किया, जबकि Anant Raj Ltd के शेयर भी 2.97% की बढ़त के साथ बंद हुए। यह रैली भारतीय डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है, खासकर तब जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वैश्विक स्तर पर तेजी से विस्तार हो रहा है। OpenAI की वित्तीय स्थिति पर नजर डालें तो, इस सेकेंडरी सेल के अलावा कंपनी ने पहले भी $40 billion की प्राथमिक पूंजी वृद्धि में SoftBank से निवेश प्राप्त किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, OpenAI ने 2025 की पहली छमाही में लगभग $4.3 billion का राजस्व उत्पन्न किया, जो 2024 के पूरे साल की कुल आय से लगभग 16% अधिक है
इस वैल्यूएशन में भारी उछाल और राजस्व में निरंतर वृद्धि से पता चलता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों के लिए बाजार में मजबूत मांग है और AI एप्लीकेशंस के इकोसिस्टम का विस्तार हो रहा है। भारतीय बाजार में इस तेजी को और बल मिला है क्योंकि Sify Infinit Spaces Ltd, जो देश के डेटा सेंटर बाजार का एक प्रमुख खिलाड़ी है, अगले दो सप्ताह में $500 million के IPO के लिए तैयारी कर रहा है। इस खबर ने 3 अक्टूबर को डेटा सेंटर से जुड़े शेयरों में निवेशकों की रुचि और बढ़ा दी। यह IPO ऐसे समय आ रहा है जब वैश्विक और घरेलू निवेशक भारत के डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। डिजिटल उपयोग में वृद्धि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने की तेजी, और सरकार द्वारा डेटा लोकलाइजेशन को प्रोत्साहित करने वाले कदम इस मांग को और मजबूत बना रहे हैं। ICRA Ltd. के अनुसार, आने वाले तीन वर्षों में भारत में डेटा सेंटर की मांग दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए लगभग ₹90,000 करोड़ (लगभग $10.1 billion) का निवेश आवश्यक होगा। इस क्षेत्र में Sify Infinit और Anant Raj जैसे मजबूत घरेलू खिलाड़ी पहले से मौजूद हैं, साथ ही जापान की NTT Inc., Temasek समर्थित STT Global Data Centres, और Carlyle Group के समर्थन वाले Nxtra Data Ltd जैसे वैश्विक नाम भी सक्रिय हैं। OpenAI की $500 billion की वैल्यूएशन ने न केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वैश्विक ताकत को साबित किया है, बल्कि भारतीय स्टॉक मार्केट में भी एक प्रबल प्रतिक्रिया पैदा की है। डेटा सेंटर कंपनियों के आईपीओ और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग के साथ, भारतीय डेटा सेंटर सेक्टर आगामी विकास की लहर में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहा है
निवेशकों की नजरें इस सेक्टर पर बनी हुई हैं, जो भविष्य में भारत की टेक्नोलॉजी और डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेगा