Ketan Parekh, जो कभी Harshad Mehta के करीबी सहयोगी रहे और Madhavpura Mercantile Co-operative Bank घोटाले (2000-2001) में अपनी भूमिका के कारण SEBI द्वारा 14 साल के लिए securities market में trading करने से प्रतिबंधित हैं, इस समय कई कानूनी परेशानियों में घिरे हुए हैं। उनके खिलाफ SEBI Special Court में करीब 11 मामले चल रहे हैं, जिनमें उन्हें insider trading समेत कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में SEBI Special Court ने Parekh की विदेश यात्रा के लिए blanket permission देने की याचिका को नामंजूर कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला इस आधार पर दिया है कि उनके विदेश जाने की अनुमति देने से चल रही जांच प्रभावित हो सकती है और भारत के वित्तीय हितों को नुकसान पहुंच सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि Parekh ने अपनी चार महीने की यात्रा के लिए vague और अधूरी जानकारी दी थी, जिसमें पूरी itinerary का खुलासा नहीं किया गया। इसके अलावा, SEBI ने आरोप लगाया है कि Parekh ने पहले मिली यात्रा अनुमति का दुरुपयोग करते हुए अवैध securities transactions जारी रखे थे। SEBI के एक Whole-Time Member (WTM) ने Parekh और अन्य के खिलाफ 65.77 करोड़ रुपये के unlawful gains को जब्त करने का interim order जारी किया है। यह आदेश 2 जनवरी 2025 को जारी हुआ था और इसमें 1 जनवरी 2021 से 20 जून 2023 के बीच किए गए trades शामिल हैं। जांच में पता चला कि Parekh ने Rohit Salgavkar से non-public information (NPI) हासिल की और insider information के आधार पर trading निर्देश दिये। यद्यपि सुप्रीम कोर्ट ने विदेश यात्रा को एक मूलभूत अधिकार माना है, SEBI Special Court ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय हित Parekh के निजी कारणों से अधिक महत्वपूर्ण हैं
कोर्ट ने कहा कि Parekh को खुली यात्रा अनुमति देने से securities law का उल्लंघन होने का खतरा बना रहेगा। Parekh ने अपने याचिका में परिवारिक कारण बताए थे, जिसमें एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होना, बड़ी बेटी की स्वास्थ्य समस्या और विदेश में रहने वाली बेटियों से मिलने की इच्छा शामिल थी। उन्होंने UK, UAE, Singapore, Thailand, Sri Lanka, South Africa, European Union और Georgia सहित कई देशों की यात्रा करने की मांग की थी। SEBI ने Parekh के खिलाफ कहा कि उन्होंने यात्रा अनुमति का उपयोग अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए किया है और इस अनुमति का दुरुपयोग करने की पूरी संभावना है। इसलिए अनुमति देने से मना किया जाना चाहिए। SEBI ने यह भी कहा कि Parekh ने 2 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी है और अब वह विदेश यात्रा की blanket permission मांग रहे हैं ताकि वे अवैध गतिविधियों को बिना किसी रोक-टोक के जारी रख सकें। SEBI ने यह भी चेतावनी दी कि Parekh विदेश जाकर फरार हो सकते हैं और वहीं बस सकते हैं। सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि Parekh ने अपने multiple SIM cards का उपयोग “Jack,” “Boss,” “Bhai” और “Wellwisher” जैसे aliases के तहत अपनी पहचान छिपाने के लिए किया था। SEBI ने तर्क दिया कि अगर उन्हें भारत छोड़ने की अनुमति दी गई, तो उनकी communications की निगरानी करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। SEBI Special Court के जज RM Jadhav ने अपने आदेश में लिखा कि राष्ट्रीय हित और देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह उचित नहीं होगा कि Parekh को चार महीने की लंबी अवधि के लिए बिना स्पष्ट और विस्तृत itinerary के विदेश यात्रा की अनुमति दी जाए
केवल शादी समारोह का हवाला देकर अनुमति देना securities कानूनों का उल्लंघन होने के खतरे को नजरअंदाज करना होगा। Parekh ने अपनी याचिका में दो शादी समारोहों में शामिल होने की बात कही थी—पहली नवंबर 22 और 23, 2025 को और दूसरी जनवरी 24 और 26, 2026 को। SEBI ने बताया कि पिछले साल कोर्ट ने Parekh को 20 दिसंबर 2024 से 20 मार्च 2025 तक विदेश यात्रा की अनुमति दी थी, लेकिन इसके लिए उन्होंने detailed itinerary जमा करनी थी और अतिरिक्त security भी जमा करनी थी। बावजूद इसके, SEBI ने कहा कि Parekh ने इस अवसर का दुरुपयोग किया। कुल मिलाकर, Ketan Parekh जिनके खिलाफ Madhavpura Mercantile Co-operative Bank घोटाले के कारण securities market में trading करने पर प्रतिबंध है, अभी भी कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं और उनकी विदेशी यात्रा की मांग को SEBI Special Court ने ठुकरा दिया है। यह फैसला इस बात का संकेत है कि regulatory authorities वित्तीय बाजार की सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। इस पूरे मामले में अब देखना होगा कि Parekh अपनी कानूनी चुनौतियों का कैसे सामना करते हैं और क्या नई कार्रवाई उनके खिलाफ की जाती है। फिलहाल तो SEBI की निगाहें उन पर कड़ी बनी हुई हैं और भारत के वित्तीय बाजार को सुरक्षित रखने के लिए कोई भी छूट नहीं दी जा रही