DSM Fresh Foods IPO: सब्सक्रिप्शन में भारी कमी, निवेशकों ने दिखाई संकोच की भावना DSM Fresh Foods Limited का IPO तीन दिन की सब्सक्रिप्शन अवधि के बाद भी निवेशकों से अपेक्षित रुचि नहीं जुटा पाया है। कंपनी ने ₹59.65 करोड़ के इश्यू साइज के साथ शेयर प्राइस ₹96-101 प्रति शेयर तय किया था, लेकिन बाजार में इसका प्रतिक्रिया काफी सतर्क रही। तीसरे दिन तक IPO का कुल सब्सक्रिप्शन मात्र 0.49 गुना रहा, जो निवेशकों की कम उत्सुकता को दर्शाता है। IPO के पहले दिन कुल सब्सक्रिप्शन 0.21 गुना था, जो दूसरे दिन 0.24 गुना तक बढ़ा, लेकिन फिर भी यह उम्मीद से काफी कम रहा। तीसरे दिन QIB (Qualified Institutional Buyers) सेक्टर में एक्स-एंकर निवेशकों के अलावा 1.00 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज हुआ, जो एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, Non-Institutional Buyers और Individual Investors की हिस्सेदारी क्रमशः 0.33 गुना और 0.27 गुना ही रही, जो निवेशकों में सीमित भरोसे को दर्शाता है। Anchor Investors ने पूरी तरह से 1.00 गुना सब्सक्रिप्शन किया, जिससे पता चलता है कि इस वर्ग ने IPO में अपनी पूरी हिस्सेदारी लगाई है। एनालिस्ट्स का मानना है कि Anchor Investors के 100% सब्सक्रिप्शन के बावजूद बाकी निवेशकों की कमजोरी IPO के सफल होने में बाधा बनी। कुल मिलाकर, 244 ही आवेदन प्राप्त हुए, जो इस SME IPO के लिए बेहद कम माने जाते हैं। IPO के कुल शेयर ऑफर 39,08,400 थे, जिनमें से केवल 19,12,800 शेयर ही बिड हुए, जिससे कुल राइज़ की गई राशि ₹19.32 करोड़ तक सीमित रही
यह राशि इश्यू साइज के मुकाबले काफी कम है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में DSM Fresh Foods के प्रति अभी भी पर्याप्त विश्वास नहीं बन पाया है। DSM Fresh Foods Limited, जो Zappfresh ब्रांड के तहत ऑनलाइन फ्रेश मीट और रेडी-टू-कुक नॉन-वेज प्रोडक्ट्स बेचती है, ने अपने उत्पादों की विविधता और हाइजीनिक सोर्सिंग को प्रमुखता दी है। कंपनी ने अपने मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से ग्राहक आधार विकसित किया है, जिनके डाउनलोड्स की संख्या 1 लाख से अधिक है। कंपनी में अगस्त 2025 तक कुल 46 कर्मचारी कार्यरत हैं। IPO के दौरान QIB (Ex Anchor) ने शुरुआत से ही 0.44 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया, जो तीसरे दिन बढ़कर 1.00 गुना हो गया। यह दर्शाता है कि संस्थागत निवेशकों में सीमित लेकिन स्थिर विश्वास मौजूद है। दूसरी ओर, Non-Institutional Buyers और Individual Investors ने अपेक्षाकृत कम रुचि दिखाई, जो निवेशकों की सतर्कता और बाजार की अनिश्चितता को उजागर करता है। IPO के पहले दिन Individual Investors की हिस्सेदारी मात्र 0.08 गुना थी, जो दूसरे दिन 0.14 गुना और तीसरे दिन 0.27 गुना तक बढ़ी, लेकिन फिर भी यह अपेक्षित स्तर से काफी कम है। इसका मतलब यह है कि खुदरा निवेशक DSM Fresh Foods के शेयरों को लेकर काफी सतर्क हैं। DSM Fresh Foods के IPO की इस धीमी शुरुआत के पीछे कंपनी की ब्रांड पहचान और बाजार में प्रतिस्पर्धा को माना जा सकता है
Zappfresh ने हाल के वर्षों में ऑनलाइन नॉन-वेज खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाई है, लेकिन IPO में निवेशकों की ओर से अपेक्षित उत्साह न दिखना इस बात का संकेत है कि कंपनी को अपनी बाजार रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की जरूरत हो सकती है। कुल मिलाकर DSM Fresh Foods का IPO निवेशकों के लिए एक सतर्कता भरा अनुभव रहा है। तीन दिनों की सब्सक्रिप्शन अवधि के बाद भी यह IPO 50% से भी कम सब्सक्रिप्शन प्राप्त कर पाया है। यह स्थिति कंपनी के लिए वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है, खासकर जब बाजार में पूंजी जुटाना महत्वपूर्ण हो। इस IPO ने यह भी दर्शाया है कि SME सेक्टर में निवेशकों का भरोसा अभी पूरी तरह मजबूत नहीं हुआ है। सटीक और आकर्षक रणनीतियों के बिना, ऐसे IPO को सफल बनाना कठिन हो सकता है। DSM Fresh Foods को अब देखना होगा कि वे भविष्य में बाजार और निवेशकों की अपेक्षाओं को कैसे पूरा करते हैं। DSM Fresh Foods IPO की यह धीमी शुरुआत भारतीय शेयर बाजार में एक चेतावनी के रूप में देखी जा सकती है, जहां निवेशक अपने फैसलों में अधिक सतर्क हो रहे हैं और कंपनियों से अधिक मजबूत वित्तीय और ब्रांडिंग रणनीतियों की उम्मीद कर रहे हैं