भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार, 18 सितंबर को विदेशी निवेशकों (FIIs/FPIs) ने अचानक से खरीदारी करते हुए करीब ₹367 करोड़ के शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी तेजी जारी रखी और ₹3327 करोड़ के शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया। एक्सचेंज के प्रावधिक आंकड़ों के मुताबिक, DIIs ने कुल मिलाकर ₹14,451 करोड़ के शेयर खरीदे जबकि ₹11,125 करोड़ के शेयर बेचे। वहीं FIIs ने ₹11,838 करोड़ के शेयर खरीदे, लेकिन उन्होंने ₹11,471 करोड़ के शेयर भी बेचे। वर्ष की शुरुआत से अब तक, FIIs कुल मिलाकर ₹2.20 लाख करोड़ के शेयर बेचे हैं, जबकि DIIs ने ₹5.46 लाख करोड़ के शेयरों की खरीदारी कर बाजार को समर्थन दिया है। इस खरीदारी और बिक्री के संतुलन ने भारतीय बाजार में सकारात्मक माहौल बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। बाजार के प्रदर्शन की बात करें तो, Nifty ने लगातार तीसरे दिन तेजी का रुख दिखाया और 9 जुलाई के बाद का नया उच्च स्तर छू लिया। पिछले 14 सत्रों में से 12 सत्रों में Nifty ने तेजी दर्ज की है। यह हालिया उतार-चढ़ाव के दौरान 29 अगस्त, 2025 को 24404 के निचले स्तर से अब तक 1000 से अधिक अंक ऊपर आ चुका है। क्षेत्रीय प्रदर्शन में मिश्रित रुझान देखने को मिला
Pharma, Healthcare और IT सेक्टरों ने बाजार को मजबूत किया और तेजी के साथ बंद हुए, जबकि Media, PSU Banks, Realty और OIL/Gas सेक्टरों ने हल्की गिरावट दर्ज की। व्यापक बाजार के सूचकांक भी लगातार दसवें दिन ऊपर की ओर बढ़े। खास तौर पर Nifty Midcap 100 Index में 0.38% की बढ़त हुई, वहीं Nifty Smallcap 100 Index 0.29% ऊपर बंद हुआ। बाजार में तेजी के संकेत इस बात से भी मिलते हैं कि BSE पर बढ़त करने वाले शेयरों की संख्या गिरने वाले शेयरों से अधिक रही, जहाँ advance-decline ratio 1.10 दर्ज किया गया। HDFC Securities के Deputy Vice President, Nandish Shah ने बताया कि “Nifty अपनी तेजी जारी रखे हुए है और इस समय 25250 के स्तर पर मजबूत समर्थन है, जो पिछले स्विंग हाई के करीब है। ऊपर की ओर 25550 और 25670 महत्वपूर्ण रेसिस्टेंस स्तर हैं, जिन पर नजर रखनी जरूरी है। ” वहीं विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया अपनी चार दिन की लगातार बढ़त को तोड़ते हुए डॉलर के मुकाबले 31 पैसे कमजोर होकर 88.13 के स्तर पर बंद हुआ। यह कमजोरी मुख्य रूप से क्षेत्रीय मुद्राओं की कमजोरी के कारण आई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती के बाद डॉलर में तेजी आई है। फेड की ‘dot plot’ भविष्यवाणी के अनुसार, 2025 के अंत तक दो और दर कटौती की संभावना बनी हुई है, जिससे डॉलर की मजबूती बनी रह सकती है
इस प्रकार, बाजार में निवेशकों का उत्साह बना हुआ है और घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी से शेयर बाजार में सकारात्मकता देखने को मिल रही है। हालांकि, विदेशी निवेशकों की साल भर की कुल बिक्री ने बाजार के लिए चुनौती भी पेश की है। बाजार के तकनीकी संकेतकों और विभिन्न सेक्टरों के प्रदर्शन को देखते हुए यह स्पष्ट है कि Nifty और बैंकिंग सूचकांक आगे भी महत्वपूर्ण स्तरों को छूने का प्रयास कर सकते हैं। कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को मजबूती के साथ कारोबार किया, जहाँ निवेशकों ने नए उच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद के साथ खरीदारी जारी रखी। बाजार में आई यह तेजी निवेशकों के लिए उत्साहजनक संकेत है, जो आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है