रेलवे Stocks ने एक लंबे समय के बाद अचानक जबरदस्त रैली दिखाई है, जिससे निवेशकों का ध्यान फिर से इस सेक्टर की ओर आकर्षित हुआ है। पिछले लगभग एक साल से लाल निशान में फंसे रेलवे Stocks जैसे RVNL, Titagarh Rail, Jupiter Wagons, Texmaco Rail, RailTel और IRFC ने पिछले सप्ताह 4 प्रतिशत से लेकर 13 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की है। यह उछाल खासतौर पर सरकार की पूंजी व्यय (Capex) योजनाओं और ताजा ऑर्डर जीत के कारण सामने आया है। लेकिन यहां एक सवाल यह भी है कि क्या यह रैली टिकाऊ है या फिर केवल एक अस्थायी सुधार भर है। विशेषज्ञ अभी भी इस बात को लेकर सतर्क हैं कि यह तेजी कितनी मजबूत और दीर्घकालिक होगी। पिछले एक साल के दौरान रेलवे Stocks में भारी गिरावट देखने को मिली थी, जहां ये 16 से 38 प्रतिशत तक नीचे आ गए थे। इस गिरावट के बाद इन Stocks के Valuations में भी बदलाव आया है। उदाहरण के लिए, Texmaco Rail का फॉरवर्ड Earnings मल्टीपल अब 17x पर है, जो कि उसके पिछले पांच वर्षों के औसत 23x से कम है। Titagarh Rail का Valuation भी 34x पर है, जो इसके लंबे समय के औसत 42x से नीचे है। हालांकि RailTel का Valuation 33x है जो इसके ऐतिहासिक औसत 23x से ज्यादा है, और RVNL तो पूरी तरह से Outlier है, जो 48x पर ट्रेड कर रहा है जबकि इसका पांच साल का औसत केवल 18x है
यह दर्शाता है कि कुछ Stocks अभी भी महंगे हैं और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। रेलवे सेक्टर की इस रैली के पीछे सरकार की मजबूत पूंजी व्यय नीति और ताजा ऑर्डर जीत का बड़ा हाथ है। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच Railway Board का खर्चा 79,152 करोड़ रुपये रहा, जो कि बड़े CPSEs और सरकारी एजेंसियों में सबसे ज्यादा है। FY26 के लिए केंद्र सरकार ने रेलवे पूंजी व्यय के लिए 2.6 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो FY25 के संशोधित आंकड़ों के करीब है। यह स्पष्ट करता है कि सरकार रेलवे सेक्टर में लगातार निवेश कर रही है। कंपनी स्तर पर भी ताजा ऑर्डर ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। Texmaco Rail ने RVNL से नागपुर डिवीजन में ट्रैक्शन ओवरहेड उपकरण के लिए 129 करोड़ रुपये का ऑर्डर प्राप्त किया है। Jupiter Wagons को LHB बोगी के लिए 9,000 एक्सल सप्लाई करने का 113 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिला है, जबकि RailTel को बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट के तहत 210 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। इन ठोस ऑर्डरों ने दिखाया है कि सरकार की Capex योजना जमीन पर अवसरों में बदल रही है। हालांकि, इस तेजी को लेकर बाजार विशेषज्ञ और ब्रोकरेज हाउस पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं
Fident Asset Management के फाउंडर और CIO Aishvarya Dadheech ने कहा है कि यह उछाल केवल अस्थायी है। उनका मानना है कि 2021-23 की बड़ी रैली खत्म हो चुकी है और रेलवे Stocks अभी भी महंगे हैं। वे कहते हैं कि रक्षा क्षेत्र में बेहतर अवसर हैं और केवल Capex की कहानी से रेलवे Stocks में स्थायी लाभ संभव नहीं है। इसी तरह स्वतंत्र बाजार विशेषज्ञ Ambareesh Baliga ने भी कहा कि ऑर्डर मिलने में समस्या नहीं है, असली चुनौती उनका क्रियान्वयन (execution) है। अगर कंपनियां बड़े ऑर्डर बुक्स को बेहतर ढंग से पूरा कर पाती हैं तो दीर्घकाल में ये Stocks फिर आकर्षक बन सकते हैं, लेकिन फिलहाल वे पूरी तरह से प्राइस्ड इन दिख रहे हैं। ब्रोकरेज हाउसों की राय भी इसी तरह है। Titagarh Rail के पास 10 “buy” कॉल हैं जबकि एक साल पहले यह संख्या 7 थी। वहीं RailTel, IRFC और RVNL के लिए ज्यादातर “hold” या “sell” कॉल्स हैं। यह अंतर दर्शाता है कि बाजार में जोश तो है, लेकिन विशेषज्ञों की धारणा अभी भी सतर्क है। Q1 FY26 की रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करती है कि सेक्टर के Fundamentals अभी मजबूत नहीं हुए हैं
RVNL का मुनाफा साल-दर-साल 40 प्रतिशत गिरा है और EBITDA मार्जिन केवल 1.4 प्रतिशत रह गया है। Ircon की राजस्व में भी करीब 22 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि RITES की राजस्व वृद्धि भी स्थिर रही। RailTel और IRFC ने डबल डिजिट प्रॉफिट बढ़ोतरी की है, लेकिन कुल मिलाकर ये आंकड़े सेक्टर में लागत दबाव, निष्पादन चुनौतियों और व्यापक आय सुधार की कमी को दर्शाते हैं। इसलिए, रेलवे Stocks की यह हालिया तेजी एक लंबे अरसे के बाद आई है, लेकिन यह रैली फिलहाल केवल भावना आधारित लग रही है न कि दीर्घकालिक पुनर्मूल्यांकन (rerating)। निवेशकों को इस सेक्टर की असली क्षमता और जोखिमों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ना चाहिए। फिलहाल, रेलवे सेक्टर की यह उछाल एक छोटी अवधि का सुधार ही प्रतीत होता है, न कि कोई बड़ा ट्रेंड बदलाव