इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने शानदार उछाल दर्ज किया है, जहां निफ्टी 50 ने 25,000 के महत्वपूर्ण स्तर को पार करते हुए 25,114 अंक पर बंद किया। यह लगातार दूसरी हफ्ते है जब मुख्य सूचकांक और व्यापक बाजार मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए हैं। बीएसई सेंसेक्स ने भी 1.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,904.70 पर बंद किया। बाजार की यह तेजी कई सकारात्मक कारकों से प्रेरित है, जिनमें जीएसटी सुधार, वैश्विक बाजारों में मजबूती, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव में सुधार की उम्मीदें, और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की लगातार खरीदारी प्रमुख हैं। इस दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 11वें सप्ताह भी बिकवाली जारी रखी, उन्होंने करीब ₹3,577 करोड़ के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 22वें सप्ताह लगातार शेयर खरीदे और ₹13,703 करोड़ से अधिक का निवेश किया। यह घरेलू संस्थागत निवेशकों का भरोसा बाजार के प्रति मजबूत संकेत देता है। सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो अधिकांश सेक्टर्स हरे निशान पर रहे। Nifty Defence इंडेक्स ने सबसे अधिक 7 प्रतिशत की बढ़त दिखाई, जबकि Nifty IT इंडेक्स में 4 प्रतिशत से अधिक की तेजी रही। Nifty PSU Bank ने 3 प्रतिशत, और Nifty Auto, Metal, Pharma ने लगभग 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की
केवल Nifty Consumer Durables सेक्टर में 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। बाजार की इस मजबूती के पीछे कई कारण हैं। GST में किए गए सुधार से उम्मीद है कि कंपनियों की कमाई बेहतर होगी और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। साथ ही, अमेरिका और यूरोप के बीच रूस के तेल पर लगाए जाने वाले टैरिफ को लेकर अनिश्चितता भी कम हुई है, जिससे भारत की तेल आयात नीति पर सकारात्मक असर पड़ा है। फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें भी IT सेक्टर में निवेशकों का उत्साह बढ़ा रही हैं। Infosys द्वारा buyback की घोषणा ने भी IT सेक्टर में तेजी को बढ़ावा दिया है। हालांकि, बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण रुपए की कमजोरी देखने को मिली है। इसी दौरान सोने की कीमतों ने नए उच्च स्तर को छुआ है, जो वैश्विक व्यापार तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में उभरा है। घरेलू मुद्रास्फीति (CPI) में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सरकार के कर सुधारों से आने वाले समय में मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। तकनीकी स्तरों की बात करें तो विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी 50 के लिए 25,000-24,900 का स्तर मजबूत समर्थन होगा
20 और 50 दिन के DEMA का सकारात्मक क्रॉसओवर 24,800 के आसपास एक महत्वपूर्ण तकनीकी समर्थन दर्शाता है। दूसरी ओर, 25,250 और 25,340 के बीच के स्तर पर रुकावट का सामना हो सकता है, लेकिन 25,500 से 25,600 तक का क्षेत्र निकट भविष्य में हासिल किया जा सकता है। Angel One के Senior Analyst, Osho Krishan ने कहा कि 25,000 के ऊपर कारोबार जारी रहने पर तेजी बनी रहेगी। वहीं, Kotak Securities के VP Technical Research Amol Athawale के अनुसार, 25,150-25,200 के स्तर पर रेसिस्टेंस हो सकता है, लेकिन अगर यह स्तर पार हो गया तो बाजार 25,500 तक जा सकता है। इसके विपरीत, 25,000 से नीचे गिरावट आने पर तेजी कमजोर पड़ सकती है और निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। Bank Nifty के लिए 20-दिन SMA और 54,300 का स्तर महत्वपूर्ण समर्थन हैं। LKP Securities के Senior Technical Analyst Rupak De का मानना है कि निफ्टी ने 25,000 के आसपास मजबूत आधार बनाया है और 25,150 से ऊपर की तेजी 25,500 तक जा सकती है। HDFC Securities के Nagaraj Shetti ने भी कहा कि निफ्टी ने पिछले आठ हफ्तों के उच्च स्तर को पार करते हुए सकारात्मक संकेत दिए हैं और अगला लक्ष्य 25,350-25,400 हो सकता है। बीएसई Small-cap इंडेक्स ने भी 1.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इस क्षेत्र में Sigachi Industries, Faze Three, Precision Camshafts, SMS Pharmaceuticals, Themis Medicare, Indo Count Industries जैसे कई स्टॉक्स ने 15-36 प्रतिशत तक की तेजी दिखाई
वहीं, KR Rail Engineering, Paradeep Phosphates, Good Luck India जैसे कुछ शेयरों में 10-16 प्रतिशत की गिरावट आई। सामान्यतः इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने जीएसटी सुधार, वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतों, और तकनीकी मजबूती के आधार पर निवेशकों को उत्साहित किया है। निफ्टी के 25,000 के ऊपर स्थिर बने रहने से बाजार में तेजी जारी रहने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन वैश्विक और घरेलू जोखिमों पर नजर बनाए रखना आवश्यक है