Hindustan Copper का धमाकेदार प्लान: FY31 तक क्षमता तीन गुना बढ़ाकर 12.2 MT करने की तैयारी

Saurabh
By Saurabh

Hindustan Copper ने अपने भविष्य के लिए एक विशाल विस्तार योजना की घोषणा की है, जिससे कंपनी की क्षमता FY31 तक लगभग तीन गुना बढ़कर 12.2 MT हो जाएगी, जो FY25 में 3.47 MT थी। यह योजना कंपनी के लिए नई ऊंचाइयों को छूने का संकेत है, खासकर तब जब वैश्विक स्तर पर तांबे की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले दो वर्षों में बढ़ाए गए एक्सप्लोरेशन बजट के चलते कंपनी ने 123 MT अतिरिक्त रिजर्व्स और रिसोर्सेज हासिल किए हैं, जो कंपनी की विकास यात्रा को और मजबूती प्रदान करते हैं। Hindustan Copper ने अगले 5-6 वर्षों में लगभग Rs 2,000 करोड़ की पूंजीगत व्यय (Capex) योजना बनाई है, जिसमें तांबे के अयस्क के अन्वेषण के लिए बजट में लगातार वृद्धि की जाएगी। कंपनी ने अपने निवेशकों के सामने एक विस्तृत प्रस्तुति में यह जानकारी दी, जिसने निवेशकों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है। 12 सितंबर को कंपनी के शेयरों में 10 प्रतिशत से अधिक की तेज उछाल देखने को मिली, और ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले एक महीने के औसत से 12 गुना अधिक रहा। कंपनी ने यह भी पुष्टि की है कि वह भारत और विदेशों में नए तांबे के भंडार हासिल करने की योजना बना रही है। इस दिशा में, Hindustan Copper ने चिली की कंपनी CODELCO के साथ सहयोग किया है, जिससे तकनीकी ज्ञान और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, Hindustan Copper ने कई सरकारी उपक्रमों जैसे RITES, IOC, Coal India और GAIL के साथ भी एमओयू किया है ताकि अपने माइनिंग पोर्टफोलियो का विस्तार किया जा सके। कंपनी अपने मौजूदा खनन स्थलों जैसे Malanjkhand Copper Project (MCP), Khetri Copper Complex (KCC), Indian Copper Complex (ICC), Kendadih और Rakha mines में भी खनन क्षमता बढ़ा रही है

Hindustan Copper भारत की एकमात्र तांबा खनन कंपनी है और वैश्विक बाजार में तांबे की बढ़ती मांग के बीच अपनी क्षमता और रिजर्व बढ़ाने की दिशा में सक्रिय है। सरकार की “Make in India”, PLI Schemes, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के बढ़ते प्रोत्साहन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और आत्मनिर्भर भारत जैसे विकासात्मक कदम भी तांबा उपभोक्ता उद्योगों के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। ये पहल आने वाले वर्षों में तांबे की मांग को और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। वैश्विक स्तर पर तांबे की कीमतों में भी वृद्धि हो रही है। Freeport-McMoRan के इंडोनेशिया खदान में संचालन निलंबित होने के कारण तांबे की आपूर्ति में कमी आई है, जो कीमतों को ऊपर धकेल रही है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीद से भी तांबे की मांग बढ़ने की संभावना है, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और कच्चे माल की जरूरत बढ़ेगी। इस सबके बीच, Hindustan Copper का विस्तार और पूंजीगत निवेश का यह निर्णय न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे देश की तांबा उद्योग के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। देश में तांबा उत्पादन की क्षमता बढ़ने से आयात पर निर्भरता कम होगी और घरेलू उद्योगों को कच्चा माल सस्ती दरों पर उपलब्ध होगा। Hindustan Copper की यह योजना भारतीय खनन क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी और देश को तांबे के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। तेजी से बढ़ती वैश्विक मांग और घरेलू सरकारी नीतियों के समर्थन से कंपनी के भविष्य की संभावनाएं उज्जवल नजर आ रही हैं

निवेशक और बाजार विशेषज्ञ इस योजना को कंपनी के लिए मजबूती का संकेत मान रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में Hindustan Copper को एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बनाने में सहायक होगी। कंपनी की इस महत्वाकांक्षी योजना ने शेयर बाजार में भी सकारात्मक प्रभाव डाला है, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। कुल मिलाकर, Hindustan Copper का यह कदम न केवल कंपनी के विस्तार की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है, बल्कि भारत के खनन क्षेत्र और आर्थिक विकास में भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आने वाले वर्षों में कंपनी की क्षमता में इस तीन गुना वृद्धि से तांबे की आपूर्ति में सुधार होगा और देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान मिलेगा

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