Infosys के शेयरों में फिर से उठापटक देखने को मिल रही है क्योंकि कंपनी के बोर्ड की मीटिंग 11 सितंबर को होने वाली है, जिसमें एक नए share buyback प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह Infosys का पाँचवा buyback होगा। पिछले दो सत्रों में Infosys के शेयरों ने लगभग 7% की तेजी देखी है, जो इस buyback प्रस्ताव के सामने आने के बाद आया है और निवेशकों में उत्साह का माहौल बना हुआ है। Infosys ने 2017 से अब तक चार बार शेयर buyback किया है। सबसे पहले 2017 में ₹13,000 करोड़ के buyback की घोषणा की गई थी। इसके बाद 2019 में ₹8,260 करोड़ का buyback हुआ। फिर 2021 में ₹9,200 करोड़ के buyback के साथ ₹1,750 प्रति शेयर की अधिकतम कीमत तय की गई। आखिरी बार 2022 में कंपनी ने ₹9,300 करोड़ खर्च कर ₹1,850 प्रति शेयर की अधिकतम कीमत पर शेयर वापस खरीदे थे। इस बार भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कंपनी इसी स्तर के या उससे ऊपर के मूल्य पर अपने शेयरों को वापस खरीद सकती है। यह buyback प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब Tier-1 IT Services कंपनियों की Q1 FY26 रिपोर्ट सामने आई है, जिसने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है
अप्रैल-जून तिमाही में भारत की शीर्ष IT कंपनियों ने केवल single-digit revenue growth दर्ज की है। इस दौरान वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण टेक्नोलॉजी डिमांड में कमी और क्लाइंट्स के निर्णयों में देरी देखी गई है। Q1 रिपोर्टों के अनुसार, Wipro का YoY revenue growth केवल 0.8% रहा, जबकि HCL Technologies ने 8.1% की बढ़ोतरी दर्ज की। TCS की कमाई में 1.3% की मामूली वृद्धि हुई और इसका bottom line 5.9% बढ़कर ₹12,760 करोड़ पर पहुंचा। TCS के MD और CEO K. Krithivasan ने स्वीकार किया कि कंपनी को मांग में कमी का सामना करना पड़ रहा है और वे FY26 में double-digit revenue growth की उम्मीद नहीं करते। विश्लेषकों का मानना है कि अगले एक-दो क्वार्टरों में यह मांग की चुनौती बनी रहेगी क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और geopolitical tensions का प्रभाव अभी कम नहीं हुआ है। हालांकि, वे मध्यम से दीर्घकालिक दृष्टिकोण में सकारात्मक बने हुए हैं क्योंकि कई उद्यमों के पास तकनीकी निवेश की कमी (technology debt) बहुत अधिक है, जो भविष्य में खर्च को बढ़ावा देगा जब आर्थिक स्थिति सुधरेगी। Infosys का buyback प्रस्ताव इस संदर्भ में निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। पिछले buybacks के दौरान कंपनी ने न केवल अपने निवेशकों को लाभ पहुंचाया, बल्कि बाजार में अपने शेयरों की कीमत को भी सपोर्ट किया। buyback से कंपनी के शेयर बाजार में उपलब्ध शेयरों की संख्या घटती है, जिससे EPS (Earnings Per Share) में सुधार होता है और निवेशकों का विश्वास बढ़ता है
Infosys की यह पहल IT सेक्टर में निवेशकों के लिए एक उम्मीद की किरण है, खासकर तब जब पूरी इंडस्ट्री पर आर्थिक अनिश्चितताएं छाई हुई हैं। इसके साथ ही, IT कंपनियों द्वारा AI और अन्य तकनीकी सुधारों में निवेश बढ़ाने की योजना भी इस सेक्टर के भविष्य को लेकर सकारात्मकता पैदा करती है। कुल मिलाकर, Infosys का यह संभावित share buyback प्रस्ताव न केवल कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय IT सेक्टर की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का भी संकेत है। निवेशक इस प्रस्ताव की मंजूरी पर नजर बनाए हुए हैं क्योंकि यह आने वाले समय में बाजार के रुख को प्रभावित कर सकता है। Infosys के शेयरों में तेजी और buyback की खबर ने IT सेक्टर में एक नई ऊर्जा भर दी है, जो कि आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद इस क्षेत्र की मजबूती का परिचायक है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बोर्ड मीटिंग में क्या निर्णय लिया जाता है और इसका शेयर बाजार पर क्या असर पड़ता है