Mutual Fund Industry में अगस्त 2025 में आया बड़ा बदलाव, SIP और Gold ETFs में रिकॉर्ड निवेश अगस्त 2025 में mutual fund industry ने कुल 23 नए schemes लॉन्च किए और इस दौरान लगभग Rs 2,859 crore की राशि जुटाई गई। इसमें growth और equity-oriented schemes ने Rs 2,056 crore की प्रमुख हिस्सेदारी निभाई, जिसमें mid-cap fund और दो sectoral/thematic funds भी शामिल थे। इस महीने mutual fund industry में थोड़ी मंदी देखी गई, जिसका मुख्य कारण negative mark-to-market adjustments रहे, जिसके चलते total assets under management (AUM) जुलाई के Rs 75.36 लाख करोड़ से घटकर अगस्त में Rs 75.18 लाख करोड़ रह गए। Equity funds ने निवेशकों का भरोसा बनाए रखा और इस श्रेणी में net inflows Rs 33,430 करोड़ के आसपास रहे, जो लगातार 54वें महीने सकारात्मक प्रवाह दर्शाता है। वहीं, SIP contributions भी मजबूती से Rs 28,265 करोड़ पर कायम रहे, जो जुलाई के Rs 28,464 करोड़ से लगभग समान है। इस दौरान Systematic Investment Plans के contributing accounts की संख्या 8.99 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि SIP AUM अब Rs 15.18 लाख करोड़ से ऊपर है, जो mutual fund assets का 20.2% हिस्सा है। Commodity ETFs में भी जबरदस्त निवेश देखने को मिला। Gold ETFs ने Rs 7,200 करोड़ की भारी inflow दर्ज की, जो पिछले महीने के लगभग Rs 1,200 करोड़ से काफी अधिक है। Silver ETFs ने भी Rs 1,759 करोड़ जुटाए, जिससे इनकी AUM Rs 22,963 करोड़ से बढ़कर Rs 26,294 करोड़ हो गई। यह Gold ETFs के लिए सात महीने का उच्चतम inflow है, जबकि अन्य ETFs ने तीन महीने का उच्चतम inflow हासिल किया है
अगस्त महीने में Nifty 1.38% गिरकर बंद हुआ, जबकि Sensex में 1.69% की गिरावट देखी गई। इस दौरान mutual fund industry में लगभग 15 लाख नए folios जुड़ गए, जिससे कुल folios की संख्या 24.89 करोड़ हो गई। Equity, hybrid और solution-oriented schemes के retail folios भी बढ़कर 19.64 करोड़ हो गए हैं। Equity-oriented mutual funds में flexi-cap funds ने सबसे ज्यादा inflow प्राप्त किया, जो Rs 7,679 करोड़ था। इसके बाद mid-cap funds ने Rs 5,331 करोड़ और small-cap funds ने Rs 4,993 करोड़ जुटाए। हालांकि sectoral और thematic funds में inflows में गिरावट आई, जो जुलाई के Rs 9,246 करोड़ से घटकर अगस्त में Rs 3,893 करोड़ रह गए। इस गिरावट के बावजूद दो नए fund launches ने Rs 1,422 करोड़ जुटाए। Morningstar Investment Research India के Associate Director – Manager Research, Himanshu Srivastava ने कहा कि “retail investors ने वैश्विक अस्थिरता के बावजूद निवेश जारी रखा है, भारत की आर्थिक संभावनाओं में बढ़ते विश्वास और GST rationalization जैसे सुधारों के चलते corporate earnings में सुधार की उम्मीद बनी हुई है, जिससे घरेलू equity flows को मजबूती मिली है। ” Mirae Asset Investment Managers के Head of Distribution & Strategic Alliances, Suranjana Borthakur ने स्पष्ट किया कि “अगस्त में equity flows में थोड़ी कमी आई है, जो पिछले महीने के Rs 42,000 करोड़ से लगभग Rs 33,000 करोड़ तक गिर गई है। जुलाई महीने में sectoral category में लगभग Rs 7,000 करोड़ का inflow NFOs (New Fund Offers) की वजह से था, जो इस बार कम रहा
” Equity allocations में एक अहम बदलाव भी नजर आया है। OmniScience Capital के CEO & Chief Investment Strategist, Vikas Gupta ने कहा, “सबसे अधिक inflows flexi-cap category में आए, लेकिन pure large-cap AUM mid- और small-cap AUM से कम है। इसका मतलब है कि retail investors जोखिम भरे segments की ओर अधिक झुकाव दिखा रहे हैं। उन्हें अपने पोर्टफोलियो की पुनः समीक्षा करनी चाहिए। ” Morningstar के Srivastava ने भी कहा कि “investors अब large-cap, mid-cap और small-cap funds में बेहतर diversification कर रहे हैं, लेकिन mid- और small-cap की ओर झुकाव साफ नजर आ रहा है। ” Hybrid funds में inflows में कमी आई है, जो जुलाई के Rs 20,000 करोड़ से घटकर अगस्त में Rs 15,294 करोड़ रह गए। इसका मुख्य कारण arbitrage funds में ठहराव है, जहां inflows Rs 6,667 करोड़ रहे। Multi-asset और dynamic allocation funds में inflows स्थिर रहे। Mirae Asset की Suranjana Borthakur ने कहा कि “hybrid funds में भी inflows धीमे हुए हैं, खासकर arbitrage funds की ठंडक के कारण। ” अगस्त 2025 में mutual fund industry ने कुल 23 schemes लॉन्च कीं, जिनमें growth और equity-oriented schemes ने Rs 2,056 करोड़ जुटाए
इसके अलावा तीन hybrid funds ने Rs 183 करोड़ और 11 index funds तथा 6 ETFs, जिनमें gold और silver ETFs शामिल हैं, ने Rs 620 करोड़ की राशि जुटाई। कुल मिलाकर अगस्त 2025 mutual fund industry के लिए मिश्रित माह रहा। जहां equity oriented funds और SIPs ने अपने मजबूत प्रदर्शन से निवेशकों का विश्वास बनाए रखा, वहीं commodity ETFs खासतौर पर Gold में निवेशकों की रुचि बढ़ी। बाजार की नरमी और निवेशकों की जोखिम भरी निवेश प्रवृत्ति ने इस माह के आंकड़ों को खास बनाया है। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखें और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें