Eternal और Swiggy के शेयर में स्थिरता के बीच बढ़ेगी खाने की डिलीवरी की कीमतें, GST के नए नियम से ग्राहकों पर पड़ेगा भारी बोझ

Saurabh
By Saurabh

खाद्य डिलीवरी कंपनियों Eternal और Swiggy के शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में स्थिर नजर आए, लेकिन बाजार में सकारात्मक रुख बना रहा। निवेशकों की निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि Zomato, Swiggy और Magicpin ने त्योहारी सीजन से पहले अपने प्लेटफॉर्म फीस में वृद्धि की घोषणा की है, जिससे देशभर में लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए भोजन ऑर्डर करना महंगा हो जाएगा। यह महंगाई 22 सितंबर से लागू होने वाले डिलीवरी चार्जेज पर 18% GST के कारण और बढ़ेगी। शेयर बाजार में Swiggy के शेयर ₹443.25 पर 0.96% की मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि Eternal के शेयर ₹329.25 पर बिल्कुल स्थिर थे। Swiggy ने कुछ चुनिंदा बाजारों में अपनी प्लेटफॉर्म फीस को GST समेत ₹15 कर दिया है। वहीं, Eternal की फूड डिलीवरी शाखा Zomato ने प्लेटफॉर्म फीस ₹12.50 (GST 제외) कर दी है। तीसरे बड़े खिलाड़ी Magicpin ने भी प्लेटफॉर्म फीस को ₹10 प्रति ऑर्डर तक बढ़ा दिया है, जो उद्योग की समग्र प्रवृत्ति का हिस्सा है और उपभोक्ताओं के लिए खाना मँगवाना महंगा करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 22 सितंबर से लागू होने वाले 18% GST के कारण डिलीवरी चार्जेज में लगभग ₹2 प्रति ऑर्डर Zomato के उपयोगकर्ताओं के लिए और ₹2.6 प्रति ऑर्डर Swiggy के ग्राहकों के लिए अतिरिक्त बोझ बनेगा। Magicpin के एक प्रवक्ता ने बताया कि उनकी कंपनी पहले से ही अपनी फूड डिलीवरी लागत पर 18% GST चुका रही है, इसलिए GST में हालिया बदलाव उनके लागत ढांचे को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि Magicpin की प्लेटफॉर्म फीस ₹10 प्रति ऑर्डर ही रहेगी, जो प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनियों के बीच सबसे कम है

हाल के वर्षों में प्लेटफॉर्म फीस फूड डिलीवरी कंपनियों के लिए एक अतिरिक्त राजस्व स्रोत बनकर उभरी है। Zomato, Swiggy और Magicpin की समानांतर फीस वृद्धि से स्पष्ट होता है कि भारत के फूड डिलीवरी सेक्टर में लागत बढ़ने का रुझान मजबूत हो रहा है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या लाखों ग्राहकों के लिए किफायती और सुविधाजनक भोजन सेवा अभी भी संभव रह पाएगी। GST परिषद ने पिछले सप्ताह उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के लिए अधिकांश सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर कर दरों में कटौती का फैसला किया था। 22 सितंबर से लागू होने वाली नई GST संरचना में चार स्लैबों की जगह केवल दो स्लैब होंगे – 5% और 18%। फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) जैसे हेयर ऑयल, साबुन, फेस पाउडर, शैम्पू, टूथब्रश और टूथपेस्ट को 18% से घटाकर 5% स्लैब में रखा गया है। इस कर प्रणाली में बदलाव से आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन फूड डिलीवरी सेक्टर में 18% GST की नई दर और प्लेटफॉर्म फीस में वृद्धि से ग्राहकों की जेब पर दबाव बढ़ेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि त्योहारी सीजन में भोजन की मांग बढ़ने के बावजूद, इन लागतों में इजाफा उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित कर सकता है। इस बीच, ऑटो सेक्टर में M&M, Tata Motors और Hyundai India जैसे बड़े स्टॉक्स में भी GST दरों के समायोजन के बाद तेजी देखी गई है, जिससे संकेत मिलता है कि विभिन्न उद्योग GST के नए नियमों के तहत अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। फूड डिलीवरी कंपनियों के लिए यह चुनौती है कि वे बढ़ती लागत और उपभोक्ता मांग के बीच संतुलन बनाए रखें

प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाने का कदम कंपनी के राजस्व के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह उपभोक्ता की क्रय शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में यह देखना होगा कि ग्राहक किस हद तक इन नई फीस और GST के प्रभाव को स्वीकार करेंगे और उनकी ऑर्डरिंग की आदतों में कितना बदलाव आएगा। देश के प्रमुख फूड डिलीवरी खिलाड़ियों द्वारा प्लेटफॉर्म फीस में वृद्धि और GST के नए नियमों का असर सीधे तौर पर बाजार के प्रदर्शन और उपभोक्ता व्यवहार पर दिखाई देगा। Eternal और Swiggy के शेयरों में फिलहाल स्थिरता बनी हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में त्योहारी मौसम में इन कंपनियों के वित्तीय नतीजे और उपभोक्ता रुझानों पर नजरें टिकी रहेंगी

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