Nifty 50 ने 5 सितंबर को एक रेंजबाउंड सेशन के बाद हल्की सकारात्मकता के साथ बंद किया। बाजार में नीचे के स्तरों पर खरीदारी की रुचि देखने को मिली, जिससे इंडेक्स ने 24,400 के निचले स्तर से हालिया रिकवरी के बाद 25,000 के निशान को छूने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाया। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले सत्रों में Nifty 50 24,500 से 25,000 के बीच रेंजबाउंड रहने की संभावना है। यदि यह स्तर टूटता है तो इंडेक्स 24,400–24,300 के प्रमुख सपोर्ट क्षेत्र की परीक्षा कर सकता है। वहीं, 25,000 के ऊपर निर्णायक ब्रेकआउट होने पर 25,200–25,250 तक तेजी का रास्ता खुल सकता है। तकनीकी विश्लेषण में देखा जाए तो Nifty 50 ने दैनिक चार्ट पर एक Bearish candlestick बनाई है, जिसमें लंबी निचली छाया है। यह दर्शाता है कि बाजार में नीचे दबाव तो था, लेकिन वहीं नीचे खरीदारी भी हुई। इंडेक्स 20-day EMA और Bollinger Bands के मध्यरेखा के ऊपर बंद हुआ, साथ ही 100-day EMA का भी समर्थन हासिल किया। हालांकि, 50-day EMA के ऊपर टिक नहीं पाया, जो आगे की तेजी के लिए अहम माना जाता है। MACD ने पॉजिटिव क्रॉसओवर दिखाया है पर यह अभी भी शून्य रेखा से नीचे है, जबकि RSI 49.31 के स्तर पर है और बुलिश क्रॉसओवर को कायम रखे हुए है
इस सबका मतलब है कि बाजार में थोड़ी सकारात्मकता है, लेकिन स्थिर तेजी के लिए सभी महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज के ऊपर बंद होना जरूरी है। Bank Nifty की बात करें तो यह 54,115 के स्तर पर 0.07% की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। बैंकिंग इंडेक्स ने 200-day EMA के ऊपर मजबूती दिखाई, लेकिन Bollinger Bands के मध्यरेखा और 20-day, 50-day, 100-day EMA से नीचे बना हुआ है। ये मूविंग एवरेज बैंक निफ्टी के लिए आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण बाधाएं हैं, जिन्हें पार किए बिना रेंजबाउंड मूवमेंट जारी रहने की संभावना है। MACD और RSI ने नेगेटिव क्रॉसओवर बनाए रखे हैं, जबकि Stochastic RSI बुलिश क्रॉसओवर में है। विकल्प बाजार की बात करें तो Nifty के 25,000 स्ट्राइक पर सबसे अधिक Call open interest दर्ज हुआ है, जो 1.86 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ एक मजबूत रेसिस्टेंस स्तर की भूमिका निभा सकता है। इसके बाद 25,500 और 24,900 स्ट्राइक क्रमशः 1.45 करोड़ और 1.3 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ हैं। Call writing अधिकतम 25,100 स्ट्राइक पर हुई है, जिसमें 23.18 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स जुड़े हैं। Put side पर 24,000 स्ट्राइक पर सबसे अधिक open interest 1.31 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ है, जो कि महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर माना जा सकता है। Put writing भी इसी स्तर पर सबसे ज्यादा हुई है, जहां 28.21 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स जोड़े गए हैं
Bank Nifty के Call options में 56,000 स्ट्राइक पर सबसे अधिक open interest (13.74 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स) देखा गया, जो कि अल्पकालिक रेसिस्टेंस हो सकता है। Put options में 54,000 स्ट्राइक सबसे अधिक open interest के साथ (12.93 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स) सपोर्ट का काम करेगा। Put-Call Ratio (PCR) 0.86 पर पहुंच गया है, जो पिछले सेशन के 0.84 से बढ़ा है। PCR में यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि Put options की बिक्री Call options की तुलना में अधिक हो रही है, जो आमतौर पर बाजार में तेजी का संकेत होता है। वहीं India VIX, जो बाजार की अस्थिरता को मापता है, 0.67% गिरकर 10.78 पर पहुंच गया है, जो जुलाई के अंत के बाद सबसे कम स्तर है। यह संकेत देता है कि बाजार में फिलहाल अनिश्चितता कम है और बुल्स के लिए माहौल अनुकूल है। ओपन इंटरेस्ट की बात करें तो 61 स्टॉक्स में Long build-up देखा गया है, यानी इनके दाम और ओपन इंटरेस्ट दोनों बढ़े हैं, जो खरीदारी की ताकत को दर्शाता है। वहीं 18 स्टॉक्स में Long unwinding हुआ है, जहां दाम और ओपन इंटरेस्ट दोनों घटे। Short build-up 67 स्टॉक्स में देखा गया, जहां दाम नीचे गए लेकिन ओपन इंटरेस्ट बढ़ा, जबकि 66 स्टॉक्स में Short-covering हुई है। डेरिवेटिव सेगमेंट में RBL Bank अभी भी F&O ban में बना हुआ है, जबकि नए स्टॉक्स को इस सूची में शामिल नहीं किया गया
बाजार की स्थिति को देखते हुए निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए फिलहाल 24,500 से 25,000 के बीच सतर्कता के साथ ट्रेड करना उचित होगा। 25,000 से ऊपर मजबूत ब्रेकआउट पर ही तेजी का बड़ा कदम संभव है, अन्यथा बाजार सीमित रेंज में ही बना रह सकता है। सारांश में कहा जाए तो Nifty 50 फिलहाल एक महत्वपूर्ण जंक्शन पर है। तकनीकी और विकल्प बाजार के संकेत मिलाजुला माहौल दिखा रहे हैं। अगर 25,000 स्तर के ऊपर मजबूती बनती है तो 25,200-25,250 तक तेजी आ सकती है, जबकि 24,500 से नीचे गिरावट 24,400-24,300 सपोर्ट तक जा सकती है। इस बीच, बाजार की अस्थिरता कम होने के कारण ट्रेडर अपने कदम सोच-समझकर उठाएं। इसलिए 8 सितंबर के लिए Nifty 50 का मूवमेंट निवेशकों के लिए विशेष ध्यान का विषय रहेगा