भारत की दो प्रमुख कंपनियां, Chartered Speed और PhonePe, जल्द ही अपने Initial Public Offering (IPO) के जरिए शेयर बाजार में कदम रखने जा रही हैं, जो देश के तेजी से बढ़ते fintech और mobility सेक्टर में निवेशकों की गहरी रुचि को दर्शाता है। Chartered Speed ने SEBI को अपना Draft Red Herring Prospectus (DRHP) सबमिट कर ₹855 करोड़ जुटाने की योजना बनाई है, जबकि PhonePe भी सितंबर के अंत तक confidential filing करेगा और 2026 की शुरुआत में अपनी लिस्टिंग की तैयारी में है। ये दोनों IPO न सिर्फ निवेशकों के लिए नए अवसर लेकर आएंगे, बल्कि भारतीय बाजार में इन सेक्टर्स की मजबूती और विस्तार का भी संकेत हैं। Chartered Speed की बात करें तो यह कंपनी अपनी mobility सर्विस को लेकर काफी तेजी से उभर रही है। कंपनी ने ₹655 करोड़ का fresh issue और promoters Pankaj Gandhi और Alka Pankaj Gandhi द्वारा ₹200 करोड़ के offer for sale के जरिए कुल ₹855 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह राशि मुख्य रूप से electric buses खरीदने, कुछ borrowings चुकाने और अन्य corporate उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होगी। Chartered Speed ने इस IPO के बाद NSE और BSE दोनों में लिस्टिंग की योजना बनाई है। कंपनी की fleet में जून 2025 तक 2,000 से अधिक self-owned बसें शामिल हैं, जो देश के 500 शहरों में लगभग 3.5 लाख यात्रियों को प्रतिदिन सेवा प्रदान करती हैं। कंपनी की revenue मॉडल में ticket revenue के साथ-साथ annuity-based मॉडल भी शामिल है, जिससे ऑपरेशन पर नियंत्रण और स्थिर आय सुनिश्चित होती है। वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो Chartered Speed ने FY25 में ₹666.77 करोड़ की revenue दर्ज की, जो पिछले वर्ष के ₹347.3 करोड़ से लगभग दोगुनी है
साथ ही, कंपनी ने ₹70.09 करोड़ का net profit भी कमाया है, जो पहले के नुकसान से एक महत्वपूर्ण सुधार है। इस IPO में SBI Capital Markets Ltd और Motilal Oswal Investment Advisors Ltd book-running lead managers के तौर पर काम करेंगे, जबकि MUFG Intime India Pvt Ltd registrar की भूमिका निभाएगा। Chartered Speed का यह कदम भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और सार्वजनिक व्यापार के लिए एक मजबूत मंच बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, PhonePe का IPO भी fintech सेक्टर में एक बड़ा इवेंट होगा। कंपनी सितंबर के अंत तक SEBI को confidential filing करने वाली है और 2026 की शुरुआत में ₹10,000 से ₹13,000 करोड़ तक जुटाने के इरादे से पब्लिक लिस्टिंग करेगी। PhonePe का valuation ₹83,000 करोड़ से लेकर ₹99,600 करोड़ के बीच अनुमानित है। इस IPO में fresh capital raise के साथ-साथ offer for sale भी होगा, जिसमें Tiger Global और General Atlantic जैसे minority investors आंशिक exit कर सकेंगे, जबकि Walmart जो कि कंपनी का majority shareholder है, अपनी अधिकांश हिस्सेदारी बनाए रखेगा। PhonePe भारत के डिजिटल पेमेंट्स मार्केट का सबसे बड़ा खिलाड़ी है, जो UPI transactions में 45% से अधिक market share रखता है और QR-based payments में भी अग्रणी है। इसके अलावा, कंपनी payment gateway सेवाओं के साथ-साथ loans, insurance जैसे financial products भी प्रदान करती है। 2015 में Flipkart की सहायक कंपनी के रूप में स्थापित PhonePe, 2020 में Walmart की सीधी सहायक कंपनी बन गई
PhonePe IPO का प्रबंधन JP Morgan, Morgan Stanley, Citigroup और Kotak Mahindra Capital जैसे बड़े घरेलू और अंतरराष्ट्रीय investment banks करेंगे, जो इस लिस्टिंग के महत्व को दर्शाता है। PhonePe और Chartered Speed के IPO से यह स्पष्ट होता है कि भारत के fintech और mobility सेक्टरों में निवेशकों की गहरी दिलचस्पी बनी हुई है। जहां PhonePe भारत के सबसे बड़े fintech IPO में से एक बनने की ओर बढ़ रहा है, वहीं Chartered Speed अपनी बसों की संख्या बढ़ाकर और शहरों में अपनी पकड़ मजबूत करके urban transportation में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। इन दोनों IPO से domestic और international investors दोनों की अच्छी भागीदारी की उम्मीद है, जो भारतीय शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। इस तरह, PhonePe और Chartered Speed के बाजार में आने से न केवल निवेशकों को नए अवसर मिलेंगे, बल्कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी मजबूती मिलेगी। आने वाले समय में ये दोनों कंपनियां भारतीय स्टॉक मार्केट में अपनी मजबूत पहचान बनाते हुए उच्च विकास की कहानी लिखने की संभावना रखती हैं। निवेश के लिहाज से इन IPOs पर नजर रखना निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है