Sebi का बड़ा कदम: Insider Trading पर पहला Crash Course, निवेशकों के लिए खुला नया रास्ता!

Saurabh
By Saurabh

Sebi ने बैंकर्स के लिए insider trading पर पहला crash course लॉन्च किया है, जिससे बाजार में पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। यह पहल Sebi और Investor Education and Protection Fund Authority (IEPFA) के बीच सहयोग से संभव हुई है। हाल ही में Hyderabad में आयोजित दूसरे संस्करण के ‘Niveshak Shivir’ में इस कार्यक्रम को पेश किया गया, जो कि regulator का एक महत्वपूर्ण investor outreach program है। यह प्रयास Ministry of Corporate Affairs के तहत संचालित IEPFA की proactive पहल का हिस्सा है, जिसका मकसद unclaimed dividends और shares की संख्या को कम करना और निवेशकों को उनके हक की संपत्तियां वापस दिलाना है। इस दिन भर चले निवेशक जागरूकता शिविर में BSE, NSE, CDSL, NSDL जैसे प्रमुख Market Infrastructure Institutions (MIIs) के साथ-साथ Registrar and Transfer Agents (RTAs) जैसे KFin Technologies, MUFG Intime India, Bigshare Services और Purva Sharegistry India ने भी भाग लिया। शिविर में Hyderabad और आस-पास के 300 से ज्यादा निवेशकों और क्लेमेंट्स ने हिस्सा लिया। इस शिविर में एक छत के नीचे निवेशकों को end-to-end सहायता प्रदान की गई, जिनमें unclaimed dividends और shares के क्लेम करने की प्रक्रिया शामिल थी, जो छह साल से अधिक समय से दावे के इंतजार में थे। Niveshak Shivir में KYC और nomination डिटेल्स का ऑन-द-स्पॉट अपडेटेशन भी किया गया, साथ ही claim-related समस्याओं का समाधान और IEPFA को प्रस्तुत लंबित क्लेम्स की प्रक्रिया भी संपन्न हुई। शिविर में एक विशेष सर्च सुविधा भी उपलब्ध कराई गई, जिससे प्रतिभागी यह पता लगा सके कि उनके नाम या उनके परिवार के सदस्यों के नाम कोई unclaimed assets तो नहीं हैं। सत्यापन के बाद प्रशिक्षित अधिकारी claimants को streamlined claims प्रक्रिया के माध्यम से मार्गदर्शन देते रहे

Sebi और IEPFA ने मिलकर CDSL के सहयोग से एक Investor Guide भी लॉन्च किया, जो निवेशकों के लिए claims प्रक्रिया को सरल बनाने और उनके सवालों का जवाब देने के लिए एक step-by-step roadmap प्रदान करता है। Hyderabad में आयोजित यह शिविर Pune में पहले successful edition के बाद दूसरा चरण था। Sebi और IEPFA ने कहा है कि इस तरह की investor-centric पहल निवेशकों के हितों की सुरक्षा और उनकी वित्तीय सशक्तिकरण के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे outreach camps भारत के अन्य शहरों में भी आयोजित किए जाएंगे, जहां unclaimed investor assets की मात्रा अधिक है। Sebi के एक बयान में कहा गया, “इस तरह के आयोजन अन्य शहरों में भी प्रस्तावित हैं, जहां significant unclaimed investor assets मौजूद हैं। ” Sebi ने यह भी बताया कि इसका उद्देश्य shareholders को unpaid dividends और unclaimed shares वापस दिलाने में मदद करना है, जिससे सिस्टम में unclaimed investor assets की मात्रा कम हो सके। Niveshak Shivir पहल के तहत सभी हितधारकों—regulators, depositories, stock exchanges, और RTAs—को एक ही छत के नीचे लाकर Ministry of Corporate Affairs ने एक single-window समाधान प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस पहल से निवेशकों को उनके assets तक सरल और त्वरित पहुंच मिलेगी, जो लंबे समय से सिस्टम में दबे पड़े हैं। इस कार्यक्रम के दौरान insider trading को रोकने के लिए Sebi का crash course भी एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। बैंकर्स और वित्तीय संस्थानों के कर्मियों को insider trading की गहन समझ और नियमों की जानकारी देकर Sebi बाजार में धोखाधड़ी रोकने की कोशिश कर रहा है

इससे न केवल बाजार की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि निवेशकों का विश्वास भी मजबूत होगा। अभी तक unclaimed dividends और shares की समस्या से निवेशकों को काफी परेशानी होती थी, क्योंकि इसके लिए कई बार लंबी और जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। अब Sebi और IEPFA के इस संयुक्त प्रयास से यह प्रक्रिया आसान और investor-friendly हो गई है। शिविर में निवेशकों को न केवल जानकारी दी गई, बल्कि उनके दावों को तुरंत निपटाने का प्रबंध भी किया गया, जो आने वाले समय में निवेशकों के लिए राहत की बात होगी। Sebi के इस कदम से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत का शेयर बाजार और भी अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और निवेशकों के हित में काम करने वाला बनेगा। insider trading के खिलाफ यह crash course और unclaimed assets के लिए Niveshak Shivir जैसी पहलें बाजार के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। आने वाले महीनों में अन्य शहरों में भी इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक निवेशक अपने हक की संपत्तियां वापस पा सकें और बाजार में विश्वास बढ़े। इस प्रकार Sebi ने न केवल insider trading रोकने के लिए महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शुरू किया है, बल्कि unclaimed dividends और shares की समस्या को भी हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। यह दोनों पहलें निवेशकों के लिए लंबे समय तक लाभकारी साबित होंगी और भारतीय पूंजी बाजार की मजबूती को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी

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