धातु (Metal) और रियल एस्टेट (Realty) कंपनियों के शेयरों ने 2 सितंबर को जोरदार तेजी दिखाई, जिससे संबंधित सेक्टोरल इंडेक्स में भी खासा उछाल दर्ज किया गया। इसमें Nifty Metal इंडेक्स 0.88% बढ़कर 9,386.85 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि Nifty Realty इंडेक्स भी 0.73% की बढ़त के साथ 886.25 पर समाप्त हुआ। इस तेजी के पीछे कई सकारात्मक कारण हैं जिनका निवेशकों ने तेजी से जवाब दिया। खासतौर पर National Aluminium Company (NALCO) और Phoenix Mills के शेयरों ने जबरदस्त रैली दिखाई। NALCO लगभग 5% की छलांग लगाकर सबसे आगे रहा, वहीं Phoenix Mills ने भी 3.5% का उछाल मारा। विश्लेषकों का मानना है कि इस तेजी के पीछे वैश्विक और घरेलू दोनों ही कारक जिम्मेदार हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व (U.S. Federal Reserve) द्वारा संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीद है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन Jerome Powell ने 22 अगस्त को जैक्सन होल इकोनॉमिक पॉलिसी सिंपोजियम में रोजगार के क्षेत्र में जोखिम बढ़ने की बात कही, जिससे यह संकेत मिला कि 16-17 सितंबर की बैठक में ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती हो सकती है। अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती से विदेशी निवेशकों के लिए उधार लेने की लागत कम होगी, जिससे वे भारत जैसे हाई-ग्रॉथ मार्केट में निवेश बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की भी इसी दिशा में कदम उठाने की संभावना है, जो रियल एस्टेट और मेटल सेक्टर के शेयरों को और मजबूती दे सकता है
देश के अंदर भी आर्थिक नीतियों और आंकड़ों ने तेजी को मजबूती दी है। Goods and Services Tax (GST) काउंसिल 3-4 सितंबर को एक सरल दो-दर संरचना (5% और 18%) पर चर्चा करने जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे डेवलपर्स का खर्च कम होगा और कैश फ्लो बेहतर होगा, जो अंततः होमबायर्स के लिए फायदेमंद होगा। Signature Global के फाउंडर और चेयरमैन Pradeep Aggarwal ने कहा कि सरल GST फ्रेमवर्क से हाउसिंग सेक्टर में इनपुट कॉस्ट को नियंत्रित करने और अनुपालन को आसान बनाने में मदद मिलेगी। भारत की आर्थिक प्रगति भी निवेशकों के विश्वास को मजबूत कर रही है। Q1 FY26 में देश की GDP 7.8% बढ़ी है, जो RBI के अनुमान 6.5% और बाजार की उम्मीद 6.6% से कहीं अधिक है। यह लगातार पांचवें तिमाही में सबसे तेज़ विकास दर है, जो भारत की विकास यात्रा को और मजबूती देता है। वैश्विक स्तर पर भी कुछ कारक इस तेजी में सहायक रहे हैं। अमेरिकी डॉलर कई महीनों के निचले स्तर के करीब है, जिससे धातुओं जैसे कमोडिटी की मांग बढ़ रही है। चीन की योजना भी इस रैली में अहम भूमिका निभा रही है, जो 2025-26 के बीच स्टील उत्पादन कम करने वाला है ताकि ओवरकैपेसिटी को नियंत्रित किया जा सके
इससे वैश्विक बाजारों में सस्ती स्टील की आपूर्ति घटेगी, जो भारतीय मेटल उत्पादकों के लिए लाभकारी होगा। धातु इंडेक्स में NMDC के शेयर लगभग 4% की तेजी के साथ उभरे, वहीं Hindustan Copper, SAIL, Tata Steel और JSW Steel के शेयर लगभग 1% की बढ़त पर बंद हुए। रियल एस्टेट सेक्टर में Anant Raj ने 3% तक की छलांग लगाई, जबकि Godrej Properties, Oberoi Realty और Raymond के शेयर भी करीब 1% की बढ़त के साथ बंद हुए। इस तेजी से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक ब्याज दरों की उम्मीदें, घरेलू आर्थिक विकास, नीति सुधार और कमोडिटी मार्केट के बदलाव मिलकर मेटल और रियल एस्टेट सेक्टर की मजबूती के मुख्य कारण बने हैं। निवेशक इन दोनों सेक्टर्स में आने वाले दिनों में भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं, जो बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे