EPC Sector में मिड-टू-हाई सिंगल डिजिट ग्रोथ का अनुमान, L&T और Dilip Buildcon ने Q1 FY26 में दिलाई उम्मीदें Engineering, Procurement and Construction (EPC) कंपनियों के लिए FY25-26 वित्तीय वर्ष में मिड-टू-हाई सिंगल डिजिट रेवेन्यू ग्रोथ और स्थिर मार्जिन का अनुमान India Ratings and Research (Ind-Ra) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में दिया है। यह वृद्धि FY25 के मुकाबले बेहतर स्थिति दर्शाती है, जब चुनावी सीजन के कारण रेवेन्यू में 4%-5% की गिरावट आई थी और सेक्टर का EBITDA लगभग स्थिर रहा था। EBITDA यानी Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortisation, जिसे ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी कहा जाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1 FY26) में EPC सेक्टर के 22 लिस्टेड कंपनियों ने 5% YoY रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की, जो लगातार पांचवीं तिमाही है जब सिंगल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली है। वहीं, RBI के अगस्त बुलेटिन में कहा गया है कि 2025-26 में प्राइवेट सेक्टर की कैपिटल इन्वेस्टमेंट 21.5% बढ़कर ₹2.67 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जो मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल्स और 100 bps पॉलिसी रेट कट के कारण संभव हो सकेगा। RBI ने यह भी बताया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय कंपनियां 2025-26 के वित्तीय वर्ष की शुरुआत बेहतर बैलेंस शीट, उच्च नकदी भंडार, बेहतर लाभप्रदता और विविधित फंडिंग स्रोतों की उपलब्धता के साथ कर रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नीति की सतत पहल, कम ब्याज दरें और आसान तरलता की स्थिति प्राइवेट निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना रही हैं। भारत की GDP भी Q1 FY26 में 7.8% की वृद्धि के साथ पिछले पांच तिमाहियों में सबसे अधिक रही, जो चीन की 5.2% की वृद्धि से बेहतर है। Confederation of Indian Industry (CII) के अध्यक्ष Rajiv Memani ने भी नई परियोजनाओं की घोषणा के आंकड़ों के आधार पर निजी पूंजी व्यय में सुधार के संकेत दिए हैं, जो सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर पहल के साथ मेल खाते हैं और नए निवेश चक्र की नींव रखेंगे, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हालांकि, Ind-Ra ने कहा कि FY26 की शुरुआत EPC सेक्टर के लिए उम्मीद के अनुरूप नहीं रही है
कंपनियों द्वारा दी गई गाइडेंस के अनुसार, कुल रेवेन्यू ग्रोथ 12.7% YoY होने का अनुमान है, जो पहले के अनुमान से लगभग 100 bps कम है। Ind-Ra के Corporate Ratings के डायरेक्टर Krishan Binani के अनुसार, यह अनुमान और नीचे भी जा सकता है क्योंकि कंपनियों की आशाएं अधिकतर दूसरे छमाही की रिकवरी और Ministry of Road Transport and Highway एवं National Highway Authority of India से मिलने वाले नए ऑर्डर पर निर्भर हैं, जिनका कुल प्रोजेक्ट पाइपलाइन ₹3.5 ट्रिलियन है। Ind-Ra के अनुमानों के अनुसार, EPC कंपनियों के मार्जिन स्थिर रह सकते हैं, लेकिन सुधार की उम्मीदें कम हो गई हैं। FY26 में EBITDA मार्जिन 10.8% रहने का अनुमान है, जो पिछले क्वार्टर के 11% के अनुमान से थोड़ा कम है। केंद्रीय और राज्य सरकारों की कैपेक्स निवेश तेज हो सकती है, लेकिन निवेश की भावना अभी भी अनिश्चित नीति माहौल के कारण मध्यम बनी हुई है। कंपनियों के प्रदर्शन की बात करें तो Larsen & Toubro (L&T) ने Q1 FY26 में 29.8% की बढ़ोतरी के साथ ₹3,617.19 करोड़ का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया। कंपनी की रेवेन्यू ₹63,678.92 करोड़ रही, जो पिछले साल के ₹55,119.82 करोड़ से 16% अधिक है। L&T के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर S N Subrahmanyan ने कहा कि इस तिमाही में कंपनी ने सभी वित्तीय मापदंडों में अच्छा प्रदर्शन किया है और Q1 में अब तक का सबसे अधिक ऑर्डर इन्फ्लो दर्ज किया है। कंपनी की कंसोलिडेटेड ऑर्डर बुक ₹6,12,761 करोड़ पर है। Dilip Buildcon ने भी Q1 FY26 में 93.6% की वृद्धि के साथ ₹271 करोड़ का नेट प्रॉफिट रिपोर्ट किया, जो बेहतर मार्जिन और ₹169.3 करोड़ के असाधारण लाभ के कारण संभव हुआ
EBITDA 8.7% बढ़कर ₹520 करोड़ रहा और EBITDA मार्जिन 15.2% से बढ़कर 19.8% हो गया। हालांकि, कंपनी की रेवेन्यू 16.4% घटकर ₹2,620 करोड़ रह गई, जो EPC सेक्टर में ऑर्डर गतिविधि की धीमी गति को दर्शाता है। कंपनी की ऑर्डर बुक ₹13,695 करोड़ है, जिसमें रोड्स और हाइवे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा 17.8% और माइनिंग का 28.9% है। Sterling and Wilson Renewable Energy ने Q1 FY26 में कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में जबरदस्त 680% की वृद्धि दर्ज की, जो ₹39 करोड़ रही, जबकि पिछले साल ₹5 करोड़ थी। कंपनी की रेवेन्यू भी 93% बढ़कर ₹1,762 करोड़ हो गई। हालांकि, sequential basis पर PAT 29% नीचे आकर ₹55 करोड़ से ₹39 करोड़ हो गई। IRCON International का Q1 FY26 का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू ₹1,786.3 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹2,287.1 करोड़ से काफी कम है। EBITDA ₹323.9 करोड़ पर रहा, जो पिछले साल के ₹357.4 करोड़ और पिछले तिमाही के ₹357.5 करोड़ से कम है। कंपनी के प्रॉफिट आफ्टर टैक्स में भी 26.7% की गिरावट आई और यह ₹164.1 करोड़ रह गया। कंपनी की ऑर्डर बुक ₹20,973 करोड़ पर मजबूत बनी हुई है, जिसमें रेलवे प्रोजेक्ट्स ₹15,724 करोड़ और हाइवे प्रोजेक्ट्स ₹4,234 करोड़ के हैं
NBCC (India) Ltd ने Q1 FY26 में 26% की वृद्धि के साथ ₹135.03 करोड़ का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया। कंपनी की कुल आय ₹2,465.48 करोड़ रही, जो पिछले साल के ₹2,196.20 करोड़ से अधिक है। NBCC PMC और रियल एस्टेट व्यवसायों में सक्रिय है। कुल मिलाकर EPC सेक्टर में FY26 की शुरुआत मिश्रित रही है, जहां कुछ बड़ी कंपनियों ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया है, वहीं समग्र बाजार में निवेश की गति और ऑर्डर फ्लो को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। RBI और CII की रिपोर्टों से यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक और नीतिगत सुधारों से आने वाले समय में निवेश में वृद्धि और बेहतर ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है, जो EPC सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है