भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को विदेशी निवेशकों (FIIs/FPIs) ने कुल 1,430 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 4,345 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एक्सचेंज के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, DIIs ने पूरे दिन में 13,314 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 8,970 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, FIIs ने 9,540 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे लेकिन 10,970 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे उनका नेट बिकवाली का दबाव बना रहा। इस वर्ष अभी तक FIIs ने कुल मिलाकर 2.11 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं जबकि DIIs ने 5.07 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं, जो घरेलू निवेशकों के बेहतर रुझान को दर्शाता है। बाजार के प्रदर्शन की बात करें तो, Nifty50 ने लगातार तीन दिनों के नुकसान के बाद जबरदस्त वापसी की और 198 अंकों की तेजी के साथ 24,625 के स्तर पर बंद हुआ। इस उछाल के पीछे भारत की 1QFY26 की मजबूत GDP ग्रोथ का बड़ा हाथ है। तिमाही आधार पर भारत की रियल GDP में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले पाँच तिमाहियों में सबसे तेज है। पिछले साल इसी अवधि में यह वृद्धि 6.5 प्रतिशत थी। इस सकारात्मक आर्थिक डेटा ने पूरे बाजार में उत्साह भर दिया। निफ्टी के अन्य सूचकांक भी इस रैली से अछूते नहीं रहे
Nifty Midcap100 और Smallcap100 में क्रमशः 2 प्रतिशत और 1.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। सेक्टोरल स्तर पर, Auto और Consumer Durables सेक्टर ने सबसे अधिक तेजी दिखाई, दोनों ने 2 प्रतिशत से अधिक की बढ़त हासिल की। इस तेजी के पीछे GST सुधारों के कारण उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी की उम्मीदें थीं। IT सेक्टर ने भी 1.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की, जो अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों के बाद सितंबर में Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से प्रेरित थी। Motilal Oswal Financial Services के Head of Retail Research, Siddharth Khemka ने कहा कि उपभोक्ता क्षेत्र में तेजी आने की संभावना है, खासकर GST के सुधार और आने वाले त्योहारों के चलते मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोग थीम के तहत वैल्यू रिटेलर्स पर सकारात्मक नजर है, क्योंकि यह सेक्टर व्यवस्थित खुदरा चैनलों और टियर 2 एवं टियर 3 शहरों में वन-स्टॉप फैमिली स्टोर्स की लोकप्रियता बढ़ने का स्पष्ट लाभार्थी है। होटल सेक्टर भी FY26 की दूसरी छमाही में मजबूत मांग के कारण फोकस में रहेगा, जो MICE, शादियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कॉर्पोरेट ट्रेवल की बढ़ती मांग से प्रेरित होगा। हालांकि, Khemka ने यह भी माना कि घरेलू मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति भले ही सकारात्मक दिखे, लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ और विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली के कारण बाजार में सीमित रेंज में ट्रेडिंग जारी रह सकती है। बाजार के इस तेजी भरे माहौल में निवेशकों के लिए यह संकेत हैं कि घरेलू संस्थागत निवेशकों का भरोसा बड़ा कारक बना हुआ है, जबकि विदेशी निवेशक सावधानी से बाहर निकल रहे हैं। यह प्रवृत्ति आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेगी
अंततः, इस सत्र ने यह भी दर्शाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और बेहतर GDP ग्रोथ के बावजूद वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, जिनका असर निवेश प्रवाह पर पड़ता रहेगा। परंतु घरेलू निवेशकों की सक्रियता बाजार को सहारा देती रहेगी और संभावित सुधारों के मद्देनजर बाजार में तेजी की संभावनाएं बनी रहेंगी। इस प्रकार, सोमवार के ट्रेडिंग सत्र में Nifty के शानदार प्रदर्शन ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया है, जबकि FIIs की बिकवाली जारी रहने से सतर्कता भी जरूरी बनी हुई है। आने वाले दिनों में आर्थिक आंकड़ों और नीति निर्णयों पर नजर रखी जाएगी, जो बाजार की दिशा को और स्पष्ट करेंगे