बाजार में जारी अनिश्चितता के बीच Nifty का अगस्त का समापन बेहद नाजुक स्थिति में हुआ है। यह इंडेक्स अपने महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन से नीचे गिर गया और दो महीने के निचले स्तर से भी नीचे पहुंचते हुए महीने के चार्ट पर एक संभावित bearish Harami पैटर्न की पुष्टि करता दिख रहा है। इस तकनीकी संकेत ने निवेशकों के बीच बेचैनी बढ़ा दी है, जिससे बाजार के अगले रुख को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। सितंबर के पहले दिन यानी सोमवार को Benchmark इंडेक्स Nifty और Sensex ने तीन दिनों की गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए सकारात्मक रुख दिखाया। IT और बैंकिंग सेक्टर में तेजी ने सुबह के कारोबार को मजबूती दी। इस दौरान Midcap और Smallcap इंडेक्स भी अपनी नकारात्मक लकीरों को तोड़ते हुए क्रमशः तीन और छह दिन की गिरावट से बाहर निकले। सुबह 9:25 बजे के आसपास Sensex ने 330.87 अंक की बढ़त के साथ 80,140.52 पर कारोबार किया, जबकि Nifty 99.30 अंक ऊपर 24,526.15 पर था। कुल मिलाकर 2175 शेयर बढ़त में थे, 793 शेयर गिरावट में और 150 शेयर स्थिर थे। वहीं, वैश्विक स्तर पर चीन, भारत और रूस के बीच बढ़ती साझेदारी से दुनिया के पावर डायनेमिक्स और ट्रेड फ्लो में बड़े बदलाव की संभावनाएं नजर आ रही हैं, जिनका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ेगा। इसके अलावा, अमेरिका की एक कोर्ट ने Trump के tariffs को गैरकानूनी बताया है, हालांकि Supreme Court के अंतिम फैसले का इंतजार है
घरेलू आर्थिक मोर्चे पर भारत की Q1 GDP ग्रोथ 7.8 प्रतिशत आकर कई उम्मीदों से बेहतर रही, जो कि पहले लागू किए गए वित्तीय और मौद्रिक उपायों का परिणाम है। साथ ही, आने वाले महीनों में GST सुधारों से विकास दर में और मजबूती आने की संभावना है। बाजार में मजबूत mutual fund inflows और पर्याप्त liquidity भी इक्विटी सेक्टर के लिए सहायक बने हुए हैं। Individual stocks की बात करें तो Reliance Industries की शेयरों पर ध्यान केंद्रित रहा, खासकर उसके 48वें AGM के बाद। कंपनी ने Jio को जून 2026 तक लिस्ट कराने की योजना की घोषणा की है। JPMorgan ने Reliance के लिए ‘Overweight’ रेटिंग देते हुए Rs 1,695 का टारगेट रखा है। उन्होंने कहा कि Jio पहले से ही उचित मूल्य पर है, लेकिन लिस्टिंग से पहले टेलीकॉम टैरिफ में बढ़ोतरी से बाजार में सकारात्मक भावना उत्पन्न हो सकती है। Reliance का मानना है कि Jio का IPO 2026 की पहली छमाही में होगा, और इसके लिए broadband ग्रोथ और 5G टेक्नोलॉजी के विदेशों में विस्तार पर जोर दिया जाएगा। Premier Energies के शेयर भी चर्चा में रहे क्योंकि एक साल के शेयरधारक लॉक-इन पीरियड के खत्म होने के बाद 185.2 करोड़ शेयर बाजार में आए हैं, जो कंपनी की कुल इक्विटी का 41 प्रतिशत है और इसका बाजार मूल्य लगभग Rs 18,347 करोड़ है। पिछले एक साल में mutual funds ने Premier Energies में अपनी हिस्सेदारी 4.22 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.34 प्रतिशत कर दी है, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी भी 3.08 प्रतिशत से बढ़कर 4.41 प्रतिशत हो गई है
RBL Bank के शेयर सोमवार को लगभग 2 प्रतिशत बढ़े। बैंक के बोर्ड ने 82वें AGM में Rs 3,500 करोड़ के QIP और Rs 3,000 करोड़ के कर्ज़ के माध्यम से फंड जुटाने की योजना बनाई है, जो कई ट्रांशों में होगी। तकनीकी नजरिए से देखें तो Nifty अगस्त के समापन पर महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन से टूट गया है, जो बाजार की कमजोरी को दर्शाता है। Call writing का दबदबा और put positions का नीचे की ओर शिफ्ट होना bearish sentiment को और मजबूत करता दिख रहा है। इंडेक्स फिलहाल सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे ट्रेड कर रहा है और resistances भी धीरे-धीरे नीचे आ रहे हैं। इस स्थिति में जब तक Nifty 24,800 के स्तर को मजबूती से पार नहीं करता, तब तक तेजी की संभावना सीमित रहेगी। दूसरी ओर, 24,400 के स्तर से नीचे गिरने पर और भी गहरी गिरावट आ सकती है। इसलिए मार्केट एक्सपर्ट्स फिलहाल “sell-on-rise” स्ट्रेटेजी को बेहतर मान रहे हैं, यानी तकनीकी सुधार या rebound को शॉर्टिंग के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। Nifty में Tech Mahindra, TCS, HCL Tech, Hero MotoCorp और Asian Paints ने सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की, जबकि Jio Financial Services, Hindustan Unilever और Maruti Suzuki कमजोर रहे। कुल मिलाकर बाजार फिलहाल अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है
August के कमजोर समापन और तकनीकी संकेतों ने सावधानी बरतने की जरूरत को रेखांकित किया है। निवेशकों के लिए जरूरी होगा कि वे 24,800 और 24,400 के स्तरों पर नजर रखें और उसी के आधार पर अपने ट्रेडिंग निर्णय लें