पिछले हफ्ते Dalal Street पर Bears ने जोरदार हमला किया और बाजार को करीब 1.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ अगस्त के निचले स्तरों के करीब धकेल दिया। US सरकार द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले ने बाजार की नकारात्मक भावना को और बढ़ा दिया। इस कदम का असर textile, shrimp, footwear, chemicals और jewellery जैसे कई सेक्टर्स पर पड़ा। इसी के चलते BSE Sensex में करीब 1,497 अंक की गिरावट दर्ज हुई और यह 79,810 के स्तर पर आ गया। वहीं Nifty 50 भी 443 अंक टूटकर 24,427 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी Midcap और Smallcap 100 सूचकांकों में तो और भी ज्यादा कमजोरी देखी गई, जो क्रमशः 3.3 प्रतिशत और 3.9 प्रतिशत गिर गए। हालांकि, DIIs (Domestic Institutional Investors) ने बाजार में मजबूती बनाए रखने की पूरी कोशिश की और हर गिरावट पर खरीदारी की। DIIs ने पिछले हफ्ते 28,645 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि महीने भर में उनकी नेट खरीदारी 94,829 करोड़ रुपए तक पहुंच गई, जो अक्टूबर 2024 के बाद का सबसे बड़ा मासिक आंकड़ा है। वहीं दूसरी ओर, FIIs (Foreign Institutional Investors) ने 21,152 करोड़ रुपए के शेयर बेचे और अगस्त महीने में कुल मिलाकर 46,903 करोड़ रुपए के शेयरों को बाजार से बाहर निकाला। FIIs के लिए यह लगातार दूसरा महीना है जब उन्होंने भारी बिकवाली की है
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाला सप्ताह (1 सितंबर से शुरू) बाजार के लिए रेंजबाउंड रहेगा। निवेशकों की नजर GST Council की बैठक (3-4 सितंबर) पर होगी, जिसमें GST दरों में बदलाव के प्रस्तावों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। सरकार द्वारा प्रस्तावित GST सुधार के तहत दो दरों वाला सिस्टम (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) लागू किए जाने की संभावना है, जो fertiliser, textile, footwear, medicines, surgical items, medical devices, education, paper जैसे कई सेक्टरों को लाभ पहुंचा सकता है। इस सुधार से बाजार में उत्साह बढ़ने और खपत में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है, खासकर दिवाली जैसे त्योहारों के मद्देनजर। US से आने वाले रोजगार आंकड़े भी अगले सप्ताह बाजार का मुख्य फोकस होंगे। जुलाई के JOLTs जॉब ओपनिंग्स और क्विट्स के आंकड़ों के साथ अगस्त के unemployment rate और non-farm payrolls की रिपोर्ट से Federal Reserve की अगली मौद्रिक नीति की दिशा तय हो सकती है। Fed Chair Jerome Powell द्वारा श्रम बाजार में नकारात्मक संकेतों के बाद यदि अगस्त का रोजगार डेटा कमजोर आता है तो सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना मजबूत हो जाएगी। Kotak Securities की Kaynat Chainwala के अनुसार, बेरोजगारी दर में जुलाई के 4.2 प्रतिशत से थोड़ी वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा मासिक फैक्ट्री ऑर्डर, निर्माण खर्च और वाहन बिक्री के आंकड़े भी महत्वपूर्ण रहेंगे। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नजर डालें तो अमेरिका, यूरोजोन, जापान और चीन के अगस्त महीने के Manufacturing और Services PMI के अंतिम आंकड़े जारी होंगे
साथ ही अगस्त के फ्लैश इन्फ्लेशन, जुलाई की रिटेल सेल्स और यूरोजोन की जून तिमाही GDP की तीसरी अनुमानित रिपोर्ट भी बाजार के मूड को प्रभावित करेंगी। घरेलू स्तर पर भी 1 और 3 सितंबर को अगस्त माह के Manufacturing और Services PMI के अंतिम आंकड़े जारी होंगे। HSBC के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, ये दोनों सूचकांक जुलाई के मुकाबले बढ़कर 59.8 और 65.6 तक पहुंच गए हैं, जो आर्थिक गतिविधियों में मजबूती की ओर इशारा करता है। विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी देखी गई है, जो 22 अगस्त को 695.11 अरब डॉलर से घटकर 29 अगस्त को 690.72 अरब डॉलर रह गया। ऑटो सेक्टर के आंकड़ों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि अगस्त माह की बिक्री के डेटा के आधार पर Tata Motors, Mahindra and Mahindra, Ashok Leyland, Bajaj Auto, Hero MotoCorp, TVS Motor, Eicher Motors और Escorts जैसे शेयरों में तेजी या कमजोरी देखने को मिल सकती है। तकनीकी दृष्टि से Nifty 50 कमजोर दिख रहा है। शुक्रवार को इंडेक्स ने 24,400 के आसपास सपोर्ट लिया है, लेकिन यह 24,400 से नीचे गिरा तो अगस्त के निचले स्तर भी टूट सकते हैं। तकनीकी संकेतकों जैसे MACD और RSI ने भी मंदी के संकेत दिए हैं। हालांकि, 24,700 का स्तर इंडेक्स के लिए महत्वपूर्ण रेसिस्टेंस होगा, जिसके पार जाने पर 25,000 का टारगेट संभव हो सकता है। शेयर बाजार के F&O सेगमेंट में भी 24,500-24,600 रेंज को प्रमुख रेसिस्टेंस माना जा रहा है, जबकि 24,400-24,300 और 24,000 के स्तर सपोर्ट के रूप में काम करेंगे
India VIX (fear index) ने भी पिछले सप्ताह 11.75 के आसपास रेंजबाउंड मूवमेंट दिखाई, जो बाजार में फिलहाल निश्चिंतता के साथ-साथ किसी भी दिशा में तेज़ी से मूव होने की संभावना भी दर्शाता है। IPO सेगमेंट में भी अगले सप्ताह काफी हलचल रहेगी। मुख्य बोर्ड पर Amanta Healthcare का 126 करोड़ रुपए का IPO 1 सितंबर को खुलने वाला है। इसके अलावा SME सेगमेंट में Rachit Prints, Goel Construction, Optivalue Tek Consulting, Austere Systems, Vigor Plast India, Sharvaya Metals और Vashishtha Luxury Fashion के IPO लॉन्च होने हैं। इसके साथ ही Oval Projects Engineering, Sugs Lloyd, Snehaa Organics और Abril Paper Tech के IPO बंद होंगे। 3 सितंबर को Anlon Healthcare और Vikran Engineering की लिस्टिंग भी होने वाली है, साथ ही SME सेगमेंट में 11 कंपनियों की लिस्टिंग होगी। मौजूदा परिदृश्य में बाजार कई चुनौतियों और अवसरों के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ रहा है। US-India ट्रेड वार की अनिश्चितता, अतिरिक्त टैरिफ का दबाव, और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार की कमजोरी को बढ़ाया है, लेकिन घरेलू आर्थिक सुधारों, मजबूत DIIs सपोर्ट और आगामी GST सुधार से उम्मीद है कि बाजार में स्थिरता और सुधार के संकेत मिलेंगे। निवेशकों के लिए आगामी सप्ताह में वैश्विक और घरेलू आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ राजनीतिक निर्णयों और कॉर्पोरेट घटनाक्रम पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा