Nifty और Sensex में बड़ी गिरावट, FIIs के लगातार 9वें हफ्ते बिकवाली से बाजार में दबाव बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली, जहां BSE Small और Mid-cap indices लगभग 3 प्रतिशत गिर गए, वहीं Large-cap index भी 2 प्रतिशत से अधिक टूट गया। 29 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में BSE Sensex 1,497.2 अंक यानी 1.84 प्रतिशत नीचे आकर 79,809.65 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि Nifty50 भी 443.25 अंक या 1.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,426.85 पर बंद हुआ। अगस्त महीने में भी बाजार ने निराशाजनक प्रदर्शन किया, जिसमें Sensex 1.7 प्रतिशत और Nifty 1.4 प्रतिशत कमजोर हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने इस दौरान लगातार नौवें हफ्ते भारी बिकवाली जारी रखी। FIIs ने इस सप्ताह कुल 21,151.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ने 20वें सप्ताह खरीदारी जारी रखते हुए 28,645.04 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। पूरे अगस्त महीने में FIIs ने कुल 46,902.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि DIIs ने 94,828.55 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह आंकड़े बाजार में विदेशी बिकवाली और घरेलू खरीदारी के बीच टकराव को दर्शाते हैं। सेक्टोरल स्तर पर भी बाजार कमजोर रहा। Nifty Realty index में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, Nifty Defence index भी करीब 4 प्रतिशत नीचे गया। इसके अलावा Nifty PSU Bank और Nifty Oil & Gas index क्रमशः 3.5 प्रतिशत और 3 प्रतिशत टूटे
इसके विपरीत, Nifty FMCG index ने 0.7 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की। Kotak Securities के VP Technical Research, Amol Athawale ने बताया कि पिछले सप्ताह बाजार में ऊंचे स्तरों पर बिकवाली दबाव देखा गया। Nifty 1.8 प्रतिशत गिरा जबकि Sensex लगभग 1500 अंक टूट गया। Capital Market Index सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जो 7.5 प्रतिशत नीचे आया। वहीं, कुछ FMCG शेयरों में खरीदारी के कारण FMCG Index ने थोड़ी बढ़त हासिल की। तकनीकी दृष्टि से, साप्ताहिक चार्ट पर बाजार ने लंबी bearish candle बनाई और lower top formation भी दिखाया, जो नकारात्मक संकेत हैं। Athawale ने आगे कहा कि बाजार का तात्कालिक रुख कमजोर बना हुआ है। 24,330/79,700 के स्तर के टूटने पर बाजार में और गिरावट आ सकती है। वहीं, 24,550/80,500 से ऊपर की बढ़त 20-दिन के SMA स्तर 24,700/81,000 और 24,800/81,300 तक रैली को जारी रख सकती है। नीचे की ओर यदि Nifty 24,330/79,700 से नीचे गिरता है तो यह 200-दिन के SMA के करीब 24,070/78,900 तक गिर सकता है, और इससे भी नीचे 23,900/78,400 तक कमजोरी जारी रह सकती है
Bank Nifty के लिए भी Athawale ने कहा कि यदि यह 53,500 के ऊपर बना रहता है तो 54,500 से 55,800 तक की रैली संभव है। लेकिन अगर यह स्तर टूटता है तो 53,000-52,800 के आसपास 200-दिन के SMA तक गिरावट आ सकती है। BSE Small-cap index में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसमें Blue Jet Healthcare, Vishnu Prakash R Punglia, Angel One, Sterlite Technologies, Panama Petrochem जैसे कई शेयर 10-13 प्रतिशत तक टूटे। वहीं, Sadhana Nitrochem, Kabra Extrusion Technik, Rattanindia Enterprises, Permanent Magnets, Jindal Poly Films जैसे शेयरों में 10-21 प्रतिशत तक की बढ़त देखने को मिली। Religare Broking के SVP Research Ajit Mishra के मुताबिक, इस समय Nifty की गिरावट का कारण मुख्यतः बाजार की भावना में कमजोरी है और कोई नया सकारात्मक ट्रिगर नहीं दिख रहा। Nifty अब 24,250-24,350 के महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र के करीब पहुंच गया है। बैंकिंग इंडेक्स ने भी 200 DEMA के आसपास समर्थन परीक्षण किया है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। HDFC Securities के Senior Technical Research Analyst Nagaraj Shetti ने कहा कि शुक्रवार को बाजार में नकारात्मकता जारी रही और Nifty 74 अंक नीचे बंद हुआ। डेली चार्ट पर यह एक छोटी नकारात्मक कैंडल के साथ लंबा upper shadow दिखाता है, जो कमजोर वापसी और “sell on rise” की स्थिति दर्शाता है
Nifty अब 24,300-24,200 के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर के करीब है, लेकिन इसके नीचे टूटने पर यह 24,000-23,900 तक गिर सकता है। हालांकि, 24,700 के ऊपर मजबूत बढ़त से बाजार में सकारात्मकता आ सकती है। LKP Securities के Senior Technical Analyst Rupak De ने बताया कि RSI में bearish crossover हुआ है, जो कमजोरी को दर्शाता है। अल्पकालीन रुझान नकारात्मक है और Nifty 200 DMA (24,071) तक गिर सकता है। समर्थन स्तर 24,400/24,150 पर है, जबकि प्रतिरोध 24,650 के आसपास है। 24,850 से नीचे रहने पर “sell on rise” रणनीति उचित रहेगी। इस प्रकार, अगस्त का अंतिम सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तकनीकी संकेतों ने बाजार को दबाव में रखा। निवेशकों के लिए फिलहाल सतर्कता और जोखिम प्रबंधन सबसे जरूरी साबित होगा, क्योंकि बाजार किसी भी ओर तेजी से पलट सकता है या और गिरावट का सामना कर सकता है