शेयर बाजार में इस सप्ताह व्यापक दबाव देखने को मिला, जहां मुख्य सूचकांकों में 0.6 से 1 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज हुई। यह गिरावट भारत की बड़ी कंपनियों के कमजोर क़्वार्टरली नतीजों, अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में अनिश्चितता और राष्ट्रपति Donald Trump के 15-20 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना के कारण आई। BSE Small-Cap index में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि BSE Mid-Cap और Large-Cap indices दोनों में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स ने लगातार दो सप्ताह की तेजी को तोड़ दिया, वहीं Large-Cap इंडेक्स ने दूसरी सप्ताह भी गिरावट जारी रखी। सप्ताह के अंत में BSE Sensex में 932.42 अंक या 1.11 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 82,500.47 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं Nifty50 311.15 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 25,149.85 पर समाप्त हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने लगातार दूसरे सप्ताह बिकवाली जारी रखते हुए 4,511.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 12वें सप्ताह खरीदारी जारी रखते हुए 8,291 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। सेक्टरल स्तर पर BSE Telecom index सबसे अधिक 4.4 प्रतिशत नीचे गया, इसके बाद BSE Information Technology index में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई। BSE Consumer Durables 2.7 प्रतिशत गिरा, जबकि BSE Metal, Energy, Auto, PSU Bank और Oil & Gas सेक्टरों में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं BSE FMCG index ने 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की और Power index में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई
Geojit Investments के Head of Research Vinod Nair ने कहा कि घरेलू सूचकांकों में लगातार दो सप्ताह की बिकवाली के पीछे वैश्विक व्यापार तनाव और कमजोर क़्वार्टरली नतीजों का असर है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी और अमेरिका द्वारा टैरिफ समयसीमा बढ़ाने के फैसले ने अनिश्चितता को बढ़ाया है। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा कनाडा पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना ने भी बाजार भावना को कमजोर किया है। हालांकि, FMCG और डिस्क्रेशनेरी स्टॉक्स में शहरी मांग के पुनरुद्धार और बेहतर मार्जिन के कारण चुनिंदा खरीदारी देखने को मिली है। मुद्रास्फीति में कमी, ब्याज दरों में गिरावट और अनुकूल मानसून ने बाजार को सकारात्मक आधार प्रदान किया है। BSE Small-cap index में Dreamfolks Services, Hampton Sky Realty, Paras Defence and Space Technologies जैसे कई शेयर 7 से 14 प्रतिशत तक टूटे। वहीं Peninsula Land, Jaiprakash Power Ventures, John Cockerill India, Dish TV India जैसे शेयरों ने 15 से 39 प्रतिशत तक की बढ़त दिखाई, जो इस सेक्टर में असमानता को दर्शाता है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, HDFC Securities के Senior Technical Research Analyst Nagaraj Shetti ने बताया कि Nifty50 ने 25,200 के महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर को तोड़ दिया है, जिससे डाउनट्रेंड की संभावना बढ़ गई है। अगले सप्ताह Nifty 24,700 से 24,800 के बीच जा सकता है। Kotak Securities के VP Technical Research Amol Athawale ने कहा कि Nifty ने 20-दिन की SMA से नीचे फिसलकर कमजोर संकेत दिए हैं
यदि 25,300 के ऊपर नहीं जा पाता है तो यह 25,000 या उससे नीचे गिर सकता है। Motilal Oswal Financial Services के Head – Research Siddhartha Khemka के अनुसार, Q1FY26 के नतीजों और व्यापार वार्ता की अनिश्चितता के कारण बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाने की योजना से वैश्विक सप्लाई चेन असरित हो सकती है, जो बाजार की नकारात्मकता को बढ़ावा दे रही है। LKP Securities के Senior Technical Analyst Rupak De ने बताया कि Nifty ने अपने पिछले स्विंग लो को तोड़ दिया है और 21 EMA के नीचे फिसला है। आरएसआई भी नकारात्मक क्रॉसओवर में है, जो कमजोरी को दर्शाता है। हालांकि, 200-घंटे की मूविंग एवरेज के पास समर्थन बना हुआ है। शुरुआती ट्रेडिंग में अगर Nifty 25,150-25,160 के ऊपर कारोबार करता है तो 25,250 और 25,400 तक की तेजी देखी जा सकती है। नीचे सपोर्ट 25,090 और 24,900 के स्तर पर मौजूद है। इस सप्ताह बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली और व्यापार समझौतों की अनिश्चितता के कारण व्यापक दबाव रहा। कंज्यूमर ओरिएंटेड सेक्टर्स जैसे FMCG में कुछ मजबूती देखने को मिली, लेकिन IT, Telecom और मेटल जैसे सेक्टरों में गिरावट ने बाजार को मजबूत नहीं होने दिया
आने वाले दिनों में CPI, WPI जैसे आर्थिक आंकड़ों के साथ Q1FY26 के नतीजों और वैश्विक आर्थिक संकेतों पर निवेशकों की नजरें टिकी रहेंगी। कुल मिलाकर, मौजूदा परिदृश्य में बाजार में उतार-चढ़ाव और साइडवेज मूवमेंट की संभावना बनी हुई है