SEBI Chairman का बड़ा ऐलान: Corporate Governance को सिर्फ फॉर्मैलिटी नहीं, समझें जिम्मेदारी!

Saurabh
By Saurabh

SEBI के अध्यक्ष Tuhin Kanta Pandey ने कंपनीज और मार्केट पार्टिसिपेंट्स को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि Corporate Governance को केवल नियमों का पालन करने वाली औपचारिकता न समझा जाए, बल्कि इसे एक गंभीर जिम्मेदारी के रूप में लिया जाना चाहिए। Bombay Chartered Accountants’ Society (BCAS) के 77वें Foundation Conclave में Pandey ने यह बात कही और वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता और विश्वास बनाए रखने के लिए नियमों से आगे बढ़कर कार्य करने की जरूरत पर जोर दिया। Pandey ने बताया कि SEBI ने लिस्टेड कंपनियों के लिए एक विस्तृत डिस्क्लोजर सिस्टम लागू किया है, जो निवेशकों को कंपनियों की वित्तीय स्थिति और प्रदर्शन का सही आंकलन करने में मदद करता है। हालांकि, यदि इन जानकारियों में देरी, गलत सूचना या तथ्यों को छुपाया जाता है, तो इससे निवेशकों का विश्वास टूटता है और बाजारों को नुकसान होता है। उन्होंने साफ किया कि SEBI ने पहले भी उन कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है जो सही डिस्क्लोजर नियमों का पालन नहीं करते। कुछ कंपनियों को फंड रेजिंग से रोका गया है तो कुछ को लिस्टेड कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर काम करने से प्रतिबंधित किया गया है। SEBI के चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि SEBI का उद्देश्य कंपनियों पर जटिल नियमों का बोझ डालना नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में लागू किए गए सिंगल-फाइलिंग सिस्टम जैसे कदम व्यापार संचालन को सरल बनाने के लिए हैं, लेकिन इसके साथ ही जवाबदेही भी सुनिश्चित करते हैं। Regulators और कंपनियों को मिलकर ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए जो निष्पक्ष और कुशल हो। Pandey ने कहा, “हम कंपनियों को माइक्रो-मैनेज नहीं करना चाहते, लेकिन उचित सहयोग जरूर चाहते हैं ताकि बाजार सुरक्षित और पारदर्शी बने

” Pandey ने साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन स्कैम के बढ़ते खतरे पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि SEBI नये उपकरण लेकर आ रहा है, जिनका उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा करना है। इनमें से एक प्रमुख योजना है ‘Valid UPI’ सिस्टम, जो 1 अक्टूबर, 2025 से शुरू किया जाएगा। यह वित्तीय लेनदेन के दौरान धोखाधड़ी को कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा, निवेशकों के लिए व्यापक शिक्षा अभियान भी चलाया जाएगा ताकि वे बाजार के जोखिम और अवसरों को बेहतर समझ सकें। बॉन्ड्स में खुदरा निवेश की कमी को भी Pandey ने गंभीर समस्या माना। उन्होंने कहा कि बड़े कॉरपोरेट्स अब बैंक लोन के बजाय कैपिटल मार्केट्स के जरिए फंड जुटा रहे हैं, लेकिन खुदरा निवेशक अभी भी बॉन्ड्स में निवेश करने से कतराते हैं। Pandey ने कहा, “खुदरा निवेशक बॉन्ड्स को जटिल समझते हैं और इससे दूर रहते हैं। हमें इन उत्पादों को सरल बनाना होगा और जागरूकता फैलानी होगी ताकि आम निवेशक भी इसमें रुचि लें। ” Pandey ने यह भी बताया कि वास्तविक Corporate Governance केवल कागजी कार्यवाही नहीं बल्कि एक संस्कृति और जिम्मेदारी का नाम है

SEBI का फोकस व्यावहारिक सुधारों, साइबर सुरक्षा और निवेशक शिक्षा पर है ताकि भारतीय बाजार सभी के लिए सुरक्षित और समावेशी बन सके। SEBI के इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय पूंजी बाजारों की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कंपनियों को भी अब अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए निवेशकों के प्रति ईमानदार और पारदर्शी रहना होगा। साथ ही, खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरल और समझने योग्य उत्पादों का विकास जरूरी है। इस तरह SEBI न केवल नियमों का पालन करवाने में बल्कि बाजार को मजबूत और भरोसेमंद बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। Tuhin Kanta Pandey के नेतृत्व में यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और निवेशकों के लिए आकर्षक बनेंगे

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