Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street और उसकी तीन संबंधित कंपनियों JSI2 Investments Private Ltd, Jane Street Singapore Pte. Ltd, और Jane Street Asia Trading Ltd पर गंभीर आरोप लगाते हुए इनके बैंक खातों पर डेबिट फ्रीज का आदेश जारी किया है। SEBI ने इन सभी कंपनियों को बाजार में प्रवेश से भी रोक दिया है और उनसे अवैध लाभ के तौर पर 4843.5 करोड़ रुपये SEBI के पक्ष में जमा करने को कहा है। यह कार्रवाई SEBI की PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) नियमावली के तहत की गई है। SEBI के आदेश के अनुसार, Jane Street ने बैंक निफ्टी के फ्यूचर्स और ऑप्शन्स के साथ बाजार में अत्यंत बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग कर इंडेक्स के क्लोजिंग प्राइस को प्रभावित करने की कोशिश की। SEBI की जांच में पाया गया कि Jane Street ने एक्सपायरी दिन के सुबह के सत्र में बैंक निफ्टी फ्यूचर्स को भारी मात्रा में खरीदा और बैंक निफ्टी ऑप्शन्स को बड़े पैमाने पर बेचा। इसके बाद दोपहर के बाद फ्यूचर्स को बड़े पैमाने पर बेचकर इंडेक्स की क्लोजिंग कीमत को मनमाने तरीके से नियंत्रित किया। उदाहरण के तौर पर, 17 जनवरी 2024 को Jane Street ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 4370 करोड़ रुपये की खरीदारी की और बैंक निफ्टी ऑप्शन्स में 32,115 करोड़ रुपये की बिक्री की। दोपहर में फ्यूचर्स में 5372 करोड़ रुपये की बिक्री करके उन्होंने बैंक निफ्टी ऑप्शन्स में 46,620 करोड़ रुपये के शॉर्ट पोजीशन बनाए। इसी रणनीति के तहत बैंक निफ्टी के क्लोजिंग को कमजोर कर उन्होंने ऑप्शन्स से 735 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जबकि कैश और फ्यूचर्स में 61.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतत: इस एक्सपायरी दिन पर कुल 673.4 करोड़ रुपये का लाभ हुआ
SEBI ने 10 जुलाई 2024 को भी इसी तरह की रणनीति पाई, जब Jane Street ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 2800 करोड़ रुपये की बिक्री की और ऑप्शन्स में 44,154 करोड़ रुपये का शॉर्ट पोजीशन बनाया। इसके चलते बैंक निफ्टी का क्लोजिंग प्राइस कमजोर हुआ और कंपनी ने 225 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। SEBI के अनुसार Jane Street की यह ट्रेडिंग रणनीति कोई सामान्य व्यापार नहीं बल्कि बाजार के नियमों का उल्लंघन और बाजार को प्रभावित करने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश थी। SEBI ने यह भी पाया कि Jane Street ने मई 2025 में भी निफ्टी एक्सपायरी के अंतिम दो घंटे में निफ्टी फ्यूचर्स और संबंधित कैश सेगमेंट में लगभग 4911 करोड़ रुपये की खरीदारी की, ताकि क्लोजिंग प्राइस को मनमाने ढंग से नियंत्रित किया जा सके। SEBI की जांच में यह भी सामने आया कि Jane Street और उसकी संबंधित कंपनियों ने SEBI की जांच की खबरों के बावजूद बाजार में अनवरत ट्रेडिंग जारी रखी। इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल बाजार की निष्पक्षता प्रभावित होती है, बल्कि अन्य निवेशकों को भी नुकसान पहुंचता है। SEBI ने इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कड़े कदम उठाए हैं। Jane Street के इन गैरकानूनी कार्यकलापों की शिकायत पहले भी कई हेज फंड मैनेजर्स ने SEBI के समक्ष की थी, जिन्होंने इस तरह की अनुचित ट्रेडिंग प्रथाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। अब SEBI ने इन शिकायतों की पुष्टि करते हुए पूर्ण जांच के बाद यह कार्रवाई की है। बैंक निफ्टी फ्यूचर्स और ऑप्शन्स के बाजार में Jane Street द्वारा अपनाई गई यह रणनीति न केवल बाजार के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे भारतीय स्टॉक मार्केट की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है
SEBI ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे किसी भी प्रकार के फ्रॉड या बाजार हेरफेर को बर्दाश्त नहीं करेगा और भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियों पर सख्त नजर रखेगा। इस मामले में SEBI ने सभी संबंधित पक्षों से सहयोग मांगा है और आगे की जांच जारी है। Jane Street के खिलाफ यह कार्रवाई भारतीय स्टॉक मार्केट के लिए एक बड़ा संदेश है कि किसी भी विदेशी या घरेलू संस्थान को बाजार के नियमों की अवहेलना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए SEBI ने बैंक खातों पर डेबिट फ्रीज के साथ-साथ अवैध लाभ की राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई अनुचित व्यापार प्रथाओं से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अब देखना होगा कि Jane Street और उसकी संबंधित कंपनियां इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देती हैं और आगे की जांच में क्या खुलासे होते हैं