Indian Stock Market Crash: वर्तमान समय में Indian stock market एक उच्च अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। एक ओर, trade war और foreign capital outflows जैसी प्रतिकूल परिस्थितियाँ बाजार पर दबाव बनाए रख सकती हैं। दूसरी ओर, विशेषज्ञों का मानना है कि Indian economy अपनी कमजोरियों से उबर सकती है, क्योंकि corporate earnings में सुधार हो रहा है, उपभोग बढ़ रहा है, और सरकार एवं कंपनियों का Investment भी बढ़ रहा है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि Indian stock market अपने bottom के करीब हो सकता है और जल्द ही इसमें recovery देखने को मिल सकती है। हाल के महीनों में market में 13% की गिरावट आई है, जिसने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 40 वर्षों में यह कोई असामान्य गिरावट नहीं है।
क्या Market Bottom के करीब है?
प्रसिद्ध Investor और Equity Intelligence India Ltd के Founder & CEO, Porinju Veliyath, का मानना है कि बाजार अपने bottom के करीब हो सकता है। उन्होंने social platform X (Twitter) पर लिखा:
“Seasoned investors पिछले कुछ तिमाहियों से एक महत्वपूर्ण market correction की उम्मीद कर रहे थे। जब यह correction हुआ, तो इसने सभी को प्रभावित किया, यहां तक कि उन लोगों को भी जो नकद में बैठे थे। अब, मुझे लगता है कि हम बाजार के bottom के करीब हैं, अगर हम पहले से ही वहां नहीं हैं।”
वर्तमान में, Nifty 50 22,950 से नीचे ट्रेड कर रहा है। 14 फरवरी को index 102 points (0.44%) गिरकर 22,929.25 पर बंद हुआ, जिससे लगातार आठवें सत्र में गिरावट देखने को मिली। अपने peak 26,277.35 से, index लगभग 12.74% नीचे आ चुका है।
यह बड़ी गिरावट नहीं है
कई नए निवेशकों के लिए Nifty 50 का चार महीनों में 10% से अधिक गिरना चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन पिछले चार दशकों के आंकड़ों को देखें तो यह कोई असामान्य गिरावट नहीं है।
विश्लेषक D. Muthukrishnan, जो एक Certified Financial Planner (CFP) हैं, ने बताया कि इस गिरावट के बावजूद, बाजार की CAGR (Compound Annual Growth Rate) 15.50% बनी हुई है। उन्होंने निवेशकों से भयभीत न होने की सलाह दी है क्योंकि यह कोई बहुत बड़ी correction नहीं है।
पिछले market crashes की तुलना करें:
- 2020: COVID-19 के कारण बाजार में 38% की गिरावट आई थी।
- 2008-09: Subprime crisis के कारण बाजार 61% तक गिरा था।
- 2000-01: Dot-com bubble के फटने से market 56% गिरा था।
- 1992-94: Harshad Mehta scam के चलते 54% की गिरावट आई थी।
इन आंकड़ों को देखते हुए, मौजूदा गिरावट उतनी गंभीर नहीं लगती।
लंबी अवधि का दृष्टिकोण: क्या Indian Market मजबूत बना रहेगा?
हालांकि अल्पकालिक अस्थिरता बनी हुई है, लेकिन Long Term दृष्टि से Indian stock market की संभावनाएं सकारात्मक बनी हुई हैं।
- Indian economy का स्थिर विकास
- Economic Survey 2025 के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद, India की real GDP growth 6.4% रहने की उम्मीद है (FY25 के first advance estimates के अनुसार)।
- FY26 के लिए GDP growth 6.3% – 6.8% के बीच रहने की संभावना है।
- Retail Investors का बढ़ता Investment
- पिछले कुछ वर्षों में retail investors की भागीदारी काफी बढ़ी है, जिससे बाजार को Long Term मजबूती मिल रही है।
- Systematic Investment Plan (SIP) में निवेशकों की बढ़ती रुचि से बाजार को समर्थन मिल रहा है।
- Corporate Growth & Government Policies
- Government spending और corporate investments बढ़ने से stock market को स्थिरता मिलेगी।
- Make in India, PLI schemes, और infrastructure development जैसी नीतियां Long Term विकास में सहायक होंगी।
निवेशकों के लिए सलाह
इस तरह की market volatility के दौरान, निवेशकों को निम्नलिखित रणनीतियाँ अपनानी चाहिए:
1. Panic Selling से बचें
कई बार Investor बाजार में गिरावट देखकर घबरा जाते हैं और stocks को sell कर देते हैं। लेकिन, लंबी अवधि में धैर्य रखना जरूरी है क्योंकि बाजार की अस्थिरता एक सामान्य प्रक्रिया है।
2. Quality Stocks में Investment करें
Large-cap stocks, blue-chip companies, और strong fundamentals वाली कंपनियों में Investment करें, जो बाजार में Volatility के बावजूद स्थिरता बनाए रखती हैं।
3. Systematic Investment Plan (SIP) को जारी रखें
SIP के माध्यम से Investment करने से बाजार में rupee cost averaging का लाभ मिलता है, जिससे लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सकता है।
4. Sector Diversification करें
एक ही sector में अधिक Investment करने के बजाय, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि IT, Pharma, FMCG, Banking, Infrastructure आदि में विविधता लाएं।
5. Expert Advice लें
अगर बाजार की समझ नहीं है, तो हमेशा किसी certified financial advisor की सलाह लें और भावनाओं के आधार पर निर्णय लेने से बचें।
Conclusion
हालिया गिरावट के बावजूद, Indian stock market का long-term outlook सकारात्मक बना हुआ है। बाजार में Volatility एक सामान्य प्रक्रिया है और पिछले market crashes की तुलना में यह गिरावट उतनी गंभीर नहीं है।
Indian economy, बढ़ते corporate earnings, और retail investor participation से market में मजबूती बनी रहेगी। इसलिए, घबराने के बजाय समझदारी से Investment करना बेहतर रहेगा।
Investment का मूल मंत्र: धैर्य रखें, गुणवत्ता वाले stocks में Investment करें और लंबी अवधि के नजरिए से रणनीतिक निर्णय लें! 🚀